अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर अग्रिम चौकियों पर बनेंगे हेलीपेड

तेजू : सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगती सीमा की सुरक्षा कर रही लगभग सभी अग्रिम सीमा चौकियों के पास कम से कम एक बड़ा हेलीपेड होगा, ताकि बहु-उद्देश्यीय चिनूक हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर तेजी से सैनिकों और सैन्य उपकरणों को जुटाया जा सके। अधिकारियों ने कहा कि अग्रिम चौकियों पर हेलीपेड का निर्माण जोरशोर से चल रहा है और हर 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर ऐसे हेलीपेड बनाने का लक्ष्य है। 

यह इस क्षेत्र में सेना की युद्ध के लिए तैयार रहने की क्षमताओं को बढ़ाने की कवायद का हिस्सा है। प्रत्येक अग्रिम सीमा चौकी और सेना की टुकड़ियों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की गतिविधियों पर निगरानी को मजबूत करने के लिए ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के साथ जोड़ा जा रहा है और इन सभी के लिए अलग से उपग्रह टर्मिनल होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में सेना की टुकड़ियों को नए घातक हथियार, रिमोट द्वारा संचालित विमान प्रणालियां, पथरीले रास्तों पर भी चलने वाले वाहन और संचार एवं निगरानी उपकरण प्रदान किए गए हैं।

पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में माउंटेन ब्रिगेड के कमांडर, ब्रिगेडियर टी एम सिन्हा ने राज्य के दौरे पर आए पत्रकारों के एक समूह से कहा, ‘हम पूर्वी सेक्टर में अग्रिम इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास पर अब काफी जोर दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि अग्रिम चौकियों पर हेलीपेड बनाए जा रहे हैं ताकि चिनूक 47 (एफ) हेलीकॉप्टर उतर तथा उड़ान भर सकें। इन हेलीकॉप्टरों को 2015 में हुए एक करार के तहत अमेरिका से खरीदा गया है। सेना ने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर पर्वतीय क्षेत्रों में एम-777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपें भी तैनात की हैं, जिन्हें आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है।