आगे बढ़ते रहो सदा,
बीती बातें जाने दो।
गम की काली रात गई,
सुख की सुबह होने दो।
देखो वक्त बीतता यहाँ,
दुखी क्यों रहता यहाँ।
बीते कल का याद कर,
वृथा समय क्यों खोते हो।
शांत झील सा मन होता
गदला पानी कहाँ रूकता।
छोड़ो ये बुराई भलाई,
बीती बातें जाने दो।
दुश्मनी करें अगर आप से,
प्यार की भाषा सीखा देना।
मन को बात परेशान करें,
उन बातों को भूला देना।
जीवन मिला तुमको सुंदर,
कार्य करो कुछ तुम अनुपम।
काहा किसी ने धोखा दिया,
मत सोचो बात फिजूल यहांँ।
जख्म दिया जो लोगो ने
उनको तुम बिसरा देना।
बातों से दिल घायल हुआ,
बातों को तुम बिसरा देना।
समय यहांँ बदलता देखो,
आयाम नए नए मिलते ।
नया सवेरा रोज मिले,
बीती बात जाने दो।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा