तेरे यादों की खुश्बू

तेरे यादों की खुश्बू 

चंचल, चितवन चांदनी। 

खिलती चेहरे पर मेरे 

अमिय प्रीत की दामिनी।। 


सजल, सहज नैनों में 

भर देती नीर मनभावनी। 

अधर स्वरों की कंपन गति 

गाती लय सौदामिनी।। 


मुस्कान बिखर - बिखर सिसकते 

हृदय मुख पर अभिरामी। 

मन की डोर जुड़ी जैसे

पीड़ा संग नेह छल गामी।। 


विमुख कहां मुझसे 

तेरी करुणा, पावस- पावनी। 

मन मयूर सा चंचल नाचे 

हर्षित, व्याकुल श्यामली।। 


तेरे यादों की खुश्बू 

भीनी गंध रातरानी। 

ठहरी है कबसे मुझमें 

मृदु एहसासों का बन पानी।। 


-वंदना अग्रवाल 'निराली'

   लखनऊ, उत्तर प्रदेश