हिन्दी हिन्द की आन,बान और शान है
हिन्दी हिंदुस्तानियो की एक पहचान है
लेखन की समृद्ध बढ़े भाषा का मान पाये
जन आंदोलन करके इसे मातृभाषा बनाये
जन गण की भाषा बने भारत माँ की बिन्दी
गीत गजल,कविता का आधार है जो हिन्दी
भारत की अस्मिता की परिधान है हिन्दी
हम सब के विचारों की पहचान है हिन्दी
हिन्दी को समृद्ध कर गौरव इसकी बढ़ानी है
देश का गौरव हिन्दी जन जन को बतानी है
मान बढ़े,अभिमान बढ़े,हिन्दी का सम्मान बढ़े
हिन्दी के प्रयोग से स्वयं का स्वाभिमान बढ़े
भारत माता की नित पहचान बढ़ाता है हिन्दी
हम सब का स्वभिमान जगाता है अब हिन्दी
राष्ट्र के सपनो की गगनचुम्बी उड़ान है हिन्दी
विविधता मे भी एकता की पहचान है हिन्दी
रचनाकार
प्रमेशदीप मानिकपुरी
आमाचानी धमतरी छ ग
9907126431