लम्पी स्किन डिजीज़ की रोकथाम के लिए आयोजित हुई प्रशिक्षण कार्यशाला

सतर्कता बनाये रखने के विभागीय अधिकारियों को दिये गये निर्देश

बहराइच । गोवंशों में लम्पी स्किन डिजीज़ की मिशन मोड में रोकथाम शनिवार को देर शाम विकास भवन सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिया कि पशु चिकित्साधिकारी अधिकारी अपने क्षेत्रान्तर्गत समस्त अधीनस्थ स्टाफ, पशुधन प्रसार अधिकारी, वेटनरी फार्मेसिस्ट, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, पैरावेटस, वैक्सीनेटर एवं हेल्पर आदि की बैठक बुलाकर उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करें। डॉ. प्रसाद ने यह भी निर्देश दिया कि क्षेत्र अन्तर्गत पशुपालकों को लम्पी स्किन डिजीज के विषय में जागरूक करें, उन्हें बीमारी से बचाव व उपचार के बारे में आवश्यक सुझाव दिया जाय।

प्रशिक्षण सत्र को सम्बोधित करते हुए सीवीओ डॉ. प्रसाद ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज एक विषाणुजनित बीमारी है, जो वेक्टर (मच्छर रक्त चूसक, मक्खी, किलनी, जूं) आदि से फैलती है। रोग के प्रारम्भिक लक्षणों में पशु को तेज़ बुखार, पूरे शरीर पर त्वचा में गांठों का उभार, जननांगों में प्रायः सूजन, नाक एवं मुॅह से स्राव और अन्त में न्योमोनिया होने के लक्षण आते है। समय से चिकित्सा सुविधा मिलने पर उक्त बीमारी 15 से 30 दिनों में समाप्त हो जाती है।

उन्होंने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज के कारण छोटे बछडे़/बछियों में मृत्यु दर अधिक हो सकती है। पशुपालकों को सुझाव दिया जाय कि पशु बाडे़ में पर्याप्त साफ-सफाई रखें आवश्यकतानुसार समय पर कीटनाशक दवा एवं फागिंग करते रहें। प्रभावित पशु को शेष पशुओं से अलग कर उपचारित करना रोग के फैलाव को रोकने में सहायक होता है। समस्त समस्त उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों व पशु चिकित्साधिकारी एवं पशुधन प्रसार अधिकारियों को निर्देश दिया गया अपने अपने क्षेत्रों में सतर्कता बनाये रखें तथा पशुपालकों को जागरूक भी करते रहें।

 प्रशिक्षण के दौरान डॉ. बद्री नारायण त्रिपाठी, डा० बद्री नारायण त्रिपाठी, डॉ. प्रवेश कुमार मिश्रा, डॉ. हेमन्त सिंह, डॉ. कुन्दन सिंह, डॉ. साहित्य भूषण यादव सहित अन्य उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व पशु चिकित्साधिकारी, पशुधन प्रसार अधिकारी तथा विभागीग कर्मचारी मौजूद रहे।