स्वयं की आपबीती से क्षयरोगियों को कर रहे जागरूक

ऐसे जीती क्षय रोग से जंग दूसरों को बताकर कर रहे प्रेरित

चित्रकूट। मानिकपुर ब्लाक के दिवाकर और पहाड़ी ब्लॉक के प्रेम प्रकाश ने पहले खुद टीबी से जंग जीती। अब दोनों टीबी चैम्पियन बनकर स्वयं के क्षय रोग से मुक्त होने की कहानी सुनाकर टीबी रोगियों को इसके इलाज एवं निवारण के लिए जागरूक कर रहे हैं। साथ ही इससे बचाव के लिए आम लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

मानिकपुर ब्लाक के दिवाकर (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उन्हें मई 2018 में लगातार एक हफ्ते से अधिक बुखार आया। जांच कराई तो उसमें मलेरिया या टाइफाइड कुछ नहीं निकला। इसके बाद बलगम की जांच में टीबी निकला। इसकी पुष्टि के लिए प्रयागराज में एक्स-रे कराया, जिसमें भी डॉक्टरों ने टीबी की पुष्टि की।

 क्षय रोग की पुष्टि होने पर मानिकपुर में डॉ. सुदामा की देखरेख में इलाज प्रारंभ किया। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से लगातार छह माह तक दवा खाई। इसके बाद जांच कराई तो पता चला कि क्षय रोग से मुक्त हो चुके हैं। अब टीबी चैंपियन के रूप में लोगों को टीबी से बचाव व उससे मुक्त होने के लिए जागरूक कर रहे हैं। 

वहीं पहाड़ी ब्लॉक के निवासी प्रेम प्रकाश (बदला हुआ नाम) बताते हैं कि अगस्त 2020 में उन्हें खांसी के साथ बलगम आ रहा था, दवा लेने के बाद भी ठीक न होने पर जांच कराई। बलगम की जांच में उन्हें क्षय रोग की पुष्टि हुई। इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहाड़ी में लैब टेक्नीशियन राजेंद्र सिंह से दवा लेकर सेवन करते रहे। सातवें महीने में जांच कराई तो वह टीबी नेगेटिव हो चुके थे। अब टीबी चैंपियन के रूप में काम कर रहे हैं।

प्रेम प्रकाश क्षयरोगियों को संदेश देते हैं कि टीबी की दवा समय से जरूर लें। इलाज के समय गुटखा, शराब सहित अन्य कोई नशा न करें। बल्कि पौष्टिक भोजन करें। सरकारी अस्पतालों से मिलने वाली दवाएं बहुत ही अच्छी हैं और इसके सेवन से क्षय रोग से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाती है। 

नियमित रूप से दवा की सेवन करने  के दो हफ्ते बाद क्षयरोगी से सामने वाले संक्रमित नहीं होते हैं। इसलिए रोगी से किसी प्रकार का भेदभाव न करें। वहीं दिवाकर भी क्षय रोगियों को इलाज शुरू करने के बाद नियमित रूप से दवा खाने की सलाह देते हैं। इसके साथ ही चिकित्सक की सलाह को ध्यानपूर्वक अमल करने के लिए प्रेरित करते हैं। वह बताते हैं कि सरकारी अस्पताल से मिलने वाली उच्च गुणवत्ता की दवाओं के सेवन से छह माह में ही रोग से मुक्त हो सकते हैं।

 सरकारी इलाज लेने में ही समझदारी 

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. इम्तियाज अहमद ने बताया की जनपद में जिला अस्पताल, क्षय रोग केंद्र सहित 11 स्थानों पर निःशुल्क टीबी जांच की सुविधा और निःशुल्क दवा वितरण की भी व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 1230 क्षय रोगी उपचार ले रहें हैं। बिना सोचे समझे व बिना सही जांच के प्राईवेट अस्पताल के महंगे इलाज के चक्कर में न पड़ें। 

महंगे व सही इलाज न होने की वजह से जहां एक ओर टीबी मरीज की हालत खराब होती है वहीं परिवारीजनों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो जाती है। जिले के कई मरीजों ने तब सरकारी इलाज शुरू किया जब (महंगे प्राईवेट इलाज से) उनकी स्थिति ज्यादा बिगड़ गयी। इसलिए शुरूआत से सरकारी इलाज लेने में ही समझदारी है। यह न सिर्फ़ निशुल्क बल्कि कारगर भी है।

यह है टीबी के लक्षण

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी आना, दो हफ्ते तक बुखार रहना, खांसी के साथ बलगम और खून आना, क्षय रोग के लक्षण हैं।इसके साथ सीने में दर्द होना, लगातार वजन का घटना भी क्षय रोग का लक्षण है। उपरोक्त लक्षण होने पर टीबी की जांच कराएं। सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच की व्यवस्था है।