बंशी बजाये जसोदानंद बनवारी !

मोहिनी सूरत तेरी छटा निराली,

सावंल रंग और नयना भी काली,

बंशी बजाये जसोदानंद बनवारी,

खिलत जाये चहुंओर फुलवारी,

ऐसी चितवन है बृज के बिहारी,

दरस दिखा जा भक्त मंडली को

हांहां आजा भोली सूरत दिखा जा,

ओ नटखट कृष्ण कन्हैया तू इक बार,

हो गोपी ग्वालों के नंदलाला,

हां मधुवन के गोपाला,

हरि हरि बोल के नंदलाल बोल,

हाथीघोड़ा पालकी के बृजलाल बोल,

मुकुंद माधव कृष्ण मुरारी,

तुझपे वारी जाये दुनिया ये सारी,

मीठे मुंह बोल, मिसरी तू घोल,

मुकुंद माधव नटखट किशोर,

सारा मन डोले कुंजबिहारी,

मोहिनी सूरत तेरी छटा निराली,

सावंला रंग और नयना भी काली,

बंशी बजाये जसोदानंद बनवारी !

- नेहा ठाकुर " नेह "

इंदौर, मध्यप्रदेश

मो. 6264366070