ड्रोन कैमरे से हवाई सर्वेक्षण के द्वारा मूल सरयू के मार्ग को चिन्हित

आजमगढ़। लोकदायित्व के तत्वधान में आज दिनांक 21,8,2022 को पवन कुमार सिंह के नेतृत्व में भूगोल विशेषज्ञों की एक टीम ,डॉ. घनश्याम दुबे डीसी एसके पीजी कॉलेज मऊ ,डॉ. शशांक  पांडेय गर्ल्स डिग्री कालेज मुबारक पुर, डॉ. योगेश दयालु सिंह श्री कृष्ण गीता पीजी कालेज  लालगंज आजमगढ़, सभी सहायक आचार्य भूगोल की यह टीम मूल सरयू की आज पांचवी बार यात्रा की। जिसका उद्देश्य ड्रोन कैमरे से हवाई सर्वेक्षण के द्वारा मूल सरयू के मार्ग को चिन्हित कर उसे सदा नीरा करना एवं सुख रही जल धारा को बनाए रखना है। डॉ. योगेश सिंह ने प्राथमिक सूचनाएं आकड़ा जन संवाद से इक्ट्ठा किया। 

इसी क्रम में मंगरू निषाद निवासी साबित पुर ने बताया की नदी में नाव चलती थी, साबित पुर के नाम से घाट भी था, चौड़ाई लगभग 15 कठ्ठा,गहराई 5 फीट थी। वन कटा से राम चंद्र यादव, ग्राम देवारा जदीद से सुधार यादव, ने जब सर्वे टीम को देखा तो उनके चेहरे पर खुशी का ठिकाना न था, उन्होंने कहा बाबू  इस क्षेत्र में एक कहावत प्रचलित थी की धन नदी के काछे या धन गाय के पाछे मूल सरयू के मरने से हम लोगो आमदनी मर गई। ग्राम सुभौती हमीर पुर स्वामी नाथ यादव  ने कहा की बाध बाढ़ रोकने के लिए बना था, अब नदी के अस्तित्व के समाप्त होने से जल निकासी नही हो रही जिससे बाढ़ आती है।

डॉ. शशांक पांडेय ने नदी के ढाल कगार का अध्ययन किया । डॉ. घनश्याम दुबे ने नदी का टोपोग्राफिकल (भूपत्रक) अध्ययन किया जिसमे अवसादो के जमाव प्रमुख है, उन्होंने बताया की मूल सरयू के खत्म होने का प्रमुख कारण नदी की धारा को बाध बनाकर बंद कर देना है। 

सभी ने कहा की जरूरत पड़ने पर हम सभी इस अभियान से जुड़ेंगे और सहयोग भी करेंगे। चार महीने पशुओं ,पक्षियों को पानी पीने की किल्लत होती है भू जल स्तर नीचे चला गया है। ड्रोन का संचालन सूरज कुमार ने किया। इस आशय की जानकारी श्री पवन कुमार सिंह जी लोक दायित्व के प्रमुख ने दी, और बताया की यह यात्रा सलोना ताल तक आज देर शाम को सूर्यास्त पर समाप्त हुई।