मेधावियों की दृढ़ इच्छाशक्ति को बढ़ाएगा "मेघा सम्मान"- गोपाल भाई

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिले के मेधावियों को वानप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा किया गया सम्मानित

चित्रकूट..आजादी काअमृत महोत्सव के अंतर्गत चित्रकूट इंटर कॉलेज कर्वी  में  भैरव प्रसाद मिश्र की अध्यक्षता और गया प्रसाद गोपाल भाई के आतिथ्य में आयुष्मान वानप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा मेधा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें हाई स्कूल के टॉप 10, यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड तथा इंटरमीडिएट के टॉप 10, यूपी बोर्ड तथा सीबीएसई बोर्ड और सेवा क्षेत्र के प्रतिभागियों तथा 100% अंक दिलाने वाले शिक्षक साथियों और विद्यालय में शिक्षा के उत्थान में लगे प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया गया। 

सम्मानित प्रतिभागियों में लवदीप सिंह,विवान सिंह, रोहनिश, कीर्ति, शिवानी,गौरव सिंह, जयंती सिंह,प्रधानाचार्यों में केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य विनोद कुमार विश्वकर्मा, काशी प्रसाद राकेश कुमार, संत थॉमस स्कूल के प्राचार्य फादर डेनिश, शिक्षक साथियों में श्रीमती निक्कू गोगोई, अवधेश पाल, पीएन तिवारी,डा.शिव शंकर शुक्ला आदि सम्मानित किए गए।

 कार्यक्रम में पंकज दुबे, विजय चंद्रगुप्त, शिवबरन त्रिपाठी, लल्लूराम शुक्ला, उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भैरव प्रसाद मिश्र ने अपने उद्बोधन में आयुष्मान वानप्रस्थ विश्वविद्यालय की प्रशंसा की। तथा  संतोष कुमार सिंह और बलबीर सिंह, पंकज दुबे, विजय चंद्रगुप्त, के इन प्रयासों की कोटि-कोटि प्रशंसा की 

पूर्व सांसद भैरव प्रसाद मिश्र बच्चों के शैक्षिक उत्थान के लिए आर्थिक सहयोग देने का विचार व्यक्त किया साथ ही आयुष्मान वानप्रस्थ विश्वविद्यालय को कार्यक्रम को जारी रखने के लिए अपनी ओर से हरसंभव सहायता की वकालत की।कार्यक्रम की संयोजिका जयश्री जोग ने इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग देने वाले सभी साथियों की प्रशंसा किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में गरीब बच्चों के आर्थिक सहायता और आयुष्मान वानप्रस्थ विश्वविद्यालय को इस प्रकार के कार्यक्रम करते रहने के लिए विभिन्न प्रकार का सहयोग देने की बात की। 

समाजसेवी गोपाल भाई अपने उद्बोधन में कहा कि मेघा को सम्मानित प्रोत्साहित करना उनमें विश्वास एवं उत्साह जगाना अभिनंदनीय प्रयास है। ऐसे प्रयास छात्रों में बल -वीर सिंहत्व का भाव पैदा करते हैं | गोपाल भाई ने शिक्षा जगत का इस ओर भी ध्यान आकृष्ट किया कि शिक्षा तभी सार्थक होगी जब उसमें मानवीय चेतना का विशेष पुट होगा। उन्होंने कहा कि बड़े बड़े पद पाने की होड़ ठीक है किंतु मानव का मानव बनना अभी शेष है। 

धरती की सबसे बड़ी पीड़ा आज मानव का व्यवहार है। अपने गीत के माध्यम से भी "निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण ना भूले" की पंक्तियों को भी दोहराया | अंत में कार्यक्रम में संतोष कुमार सिंहक ने सभी आए हुए अतिथियों शिक्षकों बच्चों और अपनी टीम के सभी साथियों के प्रति आभार व्यक्त किया और उनको कोटि-कोटि धन्यवाद दिया |