भारत का 76 वां स्वतंत्रता दिवस अमर रहे..!

भारत का 76 वां स्वतंत्रता दिवस  हम मनाने जा रहे हैं।

साथ ही आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव बड़े ही जोरशोर से तैयारियों के साथ मनाया जा रहा हैं। घर-घर तिरंगा लगाया जा रहा हैं और खुशियां मनाई जा रही हैं।

राष्ट्रीय ध्वज के प्रति ऐसा जुनून पिछले साठ वर्षों में पहली बार नजर आया जिसमें देशवासियों का झंडा ठहराने के अभियान में उत्साह देखते ही बनता है। जनता में ऐसी भावना राष्ट्रीय झंडे के प्रति प्रेम उजागर करती है। जनता की समस्याएं तब भी थी, आज भी हैं और आगे भी रहेगी। 

अनेक कारण हैं। महंगाई हमेशा बड़ी समस्या रही है। इसका तिरंगे के प्रेम से कोई सरोकार नहीं। इसके लिए जनता को शासन के समक्ष विरोध करना है। नयी बात यह हैं कि तिरंगे के प्रति देशप्रेम का जुनून 76 वें स्वतंत्रता दिवस पर देशप्रेम की एक नयी धारा के बहाव को जन्म देगा। घर घर तिरंगा फहराने के अभियान में बच्चों का भी उत्साह प्रशंसनीय है।

स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का झंडा वंदन किया जायेगा। प्रभातफेरी निकलेगी। मिठाईयाँ बंटेगी। हम भी झंडा खरीदेंगे। सभी तिरंगे को सलामी देंगे, राष्ट्रीय गीत, राष्ट्रीय गान बजेगा। देशभक्ति के गीत गाये जाऐंगे। शहीदों को श्रध्दांजलि देंगे।

सन् 15 अगस्त 1947 को हमारे देश भारत को आजादी मिली थी। उस समय बड़ा जश्न मनाया गया था। देश को आजाद कराने के लिए, अनेक देशभक्तों ने जान की बाजी लगाई व शहीद हुए। तब हम अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त हुए। इसी की याद में प्रति वर्ष, 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस देशभर में मनाया जाता है। इस दिन हमारे प्रधानमंत्री लालकिले पर होने वाले समारोह में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं।

आजादी की लड़ाई में भाग लेने वालों को स्वतंत्रता सैनानी कहा जाता है। जिन्होंने वीरता के साथ अंग्रेजों से लोहा लिया। इन्हें क्रांतिकारी भी कहा जाता है। आजादी के दीवाने ने कई बार जेल  गए।

आजादी दिलाने वाले देशभक्तों में जो आज नहीं हैं उनमें महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, सुभाषचंद बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगतसिंह, लाला लाजपतराय, लक्ष्मीबाई समेत अनेक हस्तियों का विशेष योगदान रहा।

- मदन वर्मा "  माणिक "

 इंंदौर, मध्यप्रदेश

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