मैच में टर्निंग प्वाइंट
1. इस मैच में विराट और डुप्लेसिस की जोड़ी ने चेन्नई को शानदार शुरुआत दिलाई थी। दोनों ने मिलकर पहले विकेट के लिए 62 रन जोड़े थे। इसके बाद आरसीबी ने 17 रन बनाने में डुप्लेसिस, मैक्सवेल और कोहली के विकेट गंवा दिए। यहीं से बैंगलोर के बड़े स्कोर तक पहुंचने की उम्मीद कमजोर पड़ गई।
2. आरसीबी के लिए युवा बल्लेबाजों ने कमाल दिखाया और लोमरोर ने 27 गेंद में 42 और रजत पाटीदार ने 21 रन बनाकर अपनी टीम को अच्छे स्कोर तक पहुंचाया। अंत में दिनेश कार्तिक 17 गेंद में 26 रन बनाकर बैंगलोर का स्कोर 173 तक ले गए। उन्होंने आखिरी ओवर में 16 रन जोड़े।
3. लोमरोर और पाटीदार की अच्छी पारियों के बाद आरसीबी की टीम पटरी पर लौट आई थी और बड़े स्कोर की तरफ तेजी से बढ़ रही थी, लेकिन महीक्ष थीक्षाना ने 19वें ओवर में कमाल की गेंदबाजी की और बैंगलोर को बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया। उन्होंने 19वें ओवर में सिर्फ दो रन दिए और तीन बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। इसी वजह से बैंगलोर 180 से ज्यादा का स्कोर नहीं बना पाई।
4. पुणे के मैदान में 174 का लक्ष्य बहुत मुश्किल नहीं था। ऋतुराज और कॉन्वे ने पहले विकेट के लिए 54 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत भी की थी, लेकिन बैंगलोर की तरह चेन्नई ने भी गुच्छे में विकेट गंवाए और 75 रन के स्कोर में टीम के तीन बल्लेबाज आउट हो चुके थे। यहीं से चेन्नई मैच में पिछड़ने लगी।
5. मोईन अली ने कुछ अच्छे शॉट खेलकर चेन्नई को मैच में वापस ला दिया था, लेकिन जडेजा उनका साथ नहीं दे पाए। जडेजा ने पांच गेंदों में तीन रन बनाए। इसी वजह से चेन्नई के लिए अंत में लक्ष्य का पीछा करना असंभव के समान हो गया। इस सीजन जडेजा किसी मैच में अच्छी लय में नहीं दिखे हैं।
6. चेन्नई की टीम को जीत के लिए आखिरी दो ओवरों में जीत के लिए 39 रन की जरूरत थी। कप्तान धोनी ऐसे हालातों में ही मैच जिताने के लिए जाने जाते हैं। यह लक्ष्य मुश्किल था, लेकिन हासिल किया जा सकता था। हालांकि, धोनी इस मैच में कोई कमाल नहीं कर सके और 19वें ओवर की पहली गेंद में ही पवेलियन लौट गए। इसके साथ ही चेन्नई की जीत की सारी उम्मीदें खत्म हो गईं।
दोनों कप्तानों का प्रदर्शन
इस मैच में फील्डिंग के दौरान दोनों कप्तानों ने शानदार कप्तानी की। पहली धोनी ने गेंदबाजी करते हुए मोईन अली का शानदार इस्तेमाल किया। अली ने बैंगलोर की सलामी जोड़ी को पवेलियन भेज अपनी टीम को बड़ी सफलता दिलाई। वहीं बाद में थीक्षना से 19वां ओवर कराया जो कि उनका मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ। इसी वजह से बैंगलोर बड़ा स्कोर नहीं बना पाई। हालांकि, धोनी बल्ले से पूरी तरह फेल रहे और यही उनकी टीम की हार का कारण बना।
डुप्लेसिस ने बल्ले से भी कमाल का प्रदर्शन किया और 22 गेंद में 38 रन बनाए। इसके बाद फील्डिंग के दौरान उन्होंने मैक्सवेल का शानदार उपयोग किया। चेन्नई का पहला विकेट गिरने के बाद उन्होंने मैक्सवेल से गेंदबाजी कराई और उन्होंने रायुडू-उथप्पा को आउट कर चेन्नई को पीछे ढकेल दिया। वहीं, सिराज महंगे साबित हुए तो डुप्लेसिस ने उनसे सिर्फ दो ओवर ही कराए, जबकि पार्ट टाइम गेंदबाज मैक्सवेल ने पूरे चार ओवर किए।
बैंगलोर के लिए कैसा रहा मैच
सकारात्मक पक्षः कोहली, मैक्सवेल और लोमरोर ने उपयोगी पारियां खेली। कार्तिक और पाटीदार ने भी अच्छा स्कोर बनाया। गेंदबाजी में हर्षल पटेल और ग्लेन मैक्सवेल ने शानदार प्रदर्शन किया। शाहबाज अहमद और हेजलवुड ने भी अहम विकेट निकाले और हेजलवुड ने आखिरी ओवरों में रन भी नहीं खर्चे।
नकारात्मक पक्षः बैंगलोर के लिए कोई भी बल्लेबाज अर्धशतकीय पारी नहीं खेल पाया। मैक्सवेल छोटे स्कोर पर आउट हुए। 19वें ओवर में टीम सिर्फ दो रन बना पाई और तीन विकेट गंवा दिए। इसी वजह से आरसीबी 180 के स्कोर तक नहीं पहुंच सकी। वहीं गेंदबाजी में सिराज जैसे प्रमुख गेंदबाज पूरे चार ओवर नहीं कर सके।
चेन्नई के लिए कैसा रहा मैच
सकारात्मक पक्षः ऋतुराज और कॉन्वे ने शानदार शुरुआत की। कॉन्वे ने बेहतरीन अर्धशतक लगाया। बाद में अली ने भी अच्छी बल्लेबाजी की। गेंदबाजी में थीक्षाना और मोईन अली ने कमाल का प्रदर्शन किया। दोनों ने मिलकर पांच विकेट निकाले।
नकारात्मक पक्षः मुकेश चौधरी और सिमरजीत सिंह गेंद के साथ कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए। वहीं, ड्वेन प्रिटोरियस काफी महंगे साबित हुए। उन्होंने तीन ओवर में 42 रन खर्चे। बल्लेबाजी मे उथप्पा, रायुडु, जडेजा और कप्तान धोनी ने निराश किया। इसी वजह से चेन्नई यह मैच हार गई।