कोने में दरवाजे के पीछे छुपे यमराज जी सिर्फ उसी को दिख रहे थे, एक बार फिर मन ही मन मिन्नते की, कुछ तो समय दीजिये । फिर मन की आंखे पति परमेश्वर को खोजने लगी, देखा सोफे में बैठे चिंतन मनन कर रहे हैं ,"अभी तो कल ही हमलोग आगे की प्लानिंग कर रहे थे, एनीवर्सरी कैसे मनाएंगे सोच रहे थे, ये क्या हो गया "। रिया के मन ने कहा, " ए जी, आज आपका दुखहरण डंडा कहाँ है, जिससे आप कोई भी बाहरी तत्व बदमाशी करता था, तो भगा देते थे " , मुझे बचा लो, एक रात के डायरिया मे मै स्वर्ग कैसे चले जाऊं । चलो अब जाना ही है तो छोटी बेटी को मन ही मन कहा, "तुम्हारा मोबाइल मस्त है, एक प्यारी सी फ़ोटो लो, आखिर फेसबुक में भी तो डालना ही होगा " ।
अचानक सड़क से एक जोर की आवाज़ आयी," ले दही"। और उसकी नींद खुल गयी चोंक कर उठी अरे ये तो सपना था, पूरा चेहरा आँसुयो से भरा था । बिस्तर से उठकर वो डांस कर रही थी ।
भगवती सक्सेना गौड़
बैंगलोर