पापा लेकर आए नई कार

पापा लेकर आए नई कार ,

जिस में लगे थे पहिए चार ।


मुन्नी बोली मैं चलाऊंगी ,

मुन्ना बोला मैं चलाऊंगा ।


बात - बात पर दोनों में हुई तकरार ,

हाथ से छूट गया आखिर नई कार ।


जमीन पर गिरकर कार टूट गया ,

मुन्नी रूठी, मुन्ना भी रूठ गया ।


पापा ने समझाया उचित उक्तियाँ देकर ,

कल बाजार से आयेंगे नई कार लेकर ।


स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित रचना

महेन्द्र कुमार मध्देशिया

पता : गाँव - सलहन्तपुर, पोस्ट - ककरहवॉ बाजार, जनपद - सिध्दार्थनगर ~ 272206 (उत्तर प्रदेश)