जाफरानी इश्क

राज दिल के सब दिल में ही छिपाकर रखना।

याद आ जाऊँ तो हर निशानी मिटाकर रखना। 


तुम्हारी तकिये पर सोये है मेरे सुनहले ख्वाब !

बन्द पलकों में, उन्हें अब तुम सजाकर रखना !!


बेदर्द रातों में सिमटी मेरी तन्हाइयों की कसम,

चाँद जलने देना  चाँदनी को मनाकर रखना।


बहुत रोई  होंगी मेरी  याद में ये आंखें तेरी,

मेरी मैय्यत के लिए थोड़ा अश्क़ बचाकर रखना।


घेरे अंधेरा मन को, बेचैन करे किरण से किये वादे,   

इक दीपक मेरे नाम का तुलसी पर जलाकर रखना ।


किरण मिश्रा "स्वयंसिद्धा"

नोयडा