बुढ़ापा   


मुझसे यूं मुंह फेर ना बन्दे,
मैं आने वाला तेरा कल हूं।
जीवन के सफ़र का ए बन्दे,
मैं  एक  सत्य अटल हूं।


बच ना सके जब राजे महराजे,
तू कैसे बच पाए पाएगा।
त्याग जवानी ये तन तेरा ,
बुढ़ापे को अपनाएगा।


चाहोगे यदि बचना मुझसे,
तुम बच ना पाओगे।
भागोगे तुम जितना मुझसे,
मुझे करीब उतना तुम पाओगे।


ये धन दौलत ये नाम और शोहरत,
किसी काम ना आएगी।
देख दुर्दशा तेरी बन्दे,
तुझको खूब चिडाएगी।


चिकने गोरे बदन पे बन्दे,
झुर्रियों का पहरा होगा,
त्वचा होगी बेजान तेरी,
और बदन एकहरा होगा।


मुंह में दांत ना एक भी होंगे,
पकवान देख ललचाएगा।
करेगा कोशिश खाने की,
पर तू ना खा पाएगा।


देख आइना तू इतराए,
देख जवानी तू हर्षाए,
अमर रहेगी काया तेरी,
ये सोच के तू  शर्माए।


देख कर अपनी ही परछाई,।
तू दहशत में आएगा ,
ये मैं हूं या है कोई और ,
इस सोच में तू खो जाएगा।


अभी जमी है यारों की महफिल,
हांथो में जाम के प्याले हैं,
तेरी हर बात पे यारों के लबों पर ,
वाह वाह के बोल निराले हैं।


आएगा जब ये मोड़ जीवन का,
तू खुद को अकेला पाएगा।
मद मस्त बहारों का मौसम भी ,
पतझड़ ही नज़र आएगा।


झुक जाएगी पीठ तेरी ,
खुद का भार ना ढोया जाएगा।
लाठी होगी मित्र सखा सब,
कोई दूजा ना अपनाएगा।


कर ले अच्छे कर्म तू बंदे,
नहीं तो बहुत पछताएगा।
नेक कर्म ही काम आएंगे,
अच्छे फल तू पाएगा।


कर ले सेवा मां बाप की अपने,
पुण्य  बहुत तू पाएगा।
मिलेंगी लाख दुआएं तुझको,
आशीर्वाद बड़ों का तू पाएगा।


प्यार दुलार जो देगा उनको,
बुरा वक्त तेरा ना आएगा।
जो बांटा है तूने जग में ,
बन्दे वही तू पाएगा।


कर चिंतन और मनन बैठकर,
समय गुजरता जाए,
त्याग लालच द्वेष ईर्ष्या,
ये वक़्त ना वापस आए।


कर ले प्रभु गुणगान तू प्यारे,
नैया वो ही पार लगाएगा।
हर मुश्किल हर आफत से,
ईश्वर ही तुझे बचाएगा।


मुझसे यूं मुंह फेर ना बन्दे,
मैं आने वाला तेरा कल हूं।
जीवन के सफ़र का ए बन्दे,
मैं तो एक सत्य अटल हूं।


   सपना (सहायक अध्यापिका)
  प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर
  भाग्यनगर औरैया 
  उत्तर प्रदेश