वन विभाग घोटाला - जांच अधिकारी ही कर रहा भ्रष्टाचारियो की मदद !

- जांच पड़ी ठंडी लीपापोती जारी ,रेंजर को नही है कार्यवाही का डर 

 अजय दुबे , कन्नौज। जनपद में इन दिनों वन विभाग में घोटाले की चर्चा बहुत तेजी से हो रही है कि बहुत हिम्मत बाले है बो लोग जिन्होंने ऐसे कारनामो को अंजाम दिया वो भी योगी आदित्यनाथ जी की सरकार में और खास बात यह है कि योगी सरकार के मंत्री असीम अरुण के कार्यालय के ठीक सामने इस वन विभाग के अधिकारियों का कार्यालय है । लेकिन दिलेरी दिखाते हुए बड़ी निडरता से इस घोटाले को अंजाम तक पहुँचाया गया ।

आपको बता दे कि कन्नौज जनपद के तिर्वा तहसील के कई वन ब्लॉक में लक्ष्य के हिसाब से बृक्षारोपण कार्य नही किया जब मीडिया की टीम ने जाकर मौके पर देखा तो जमीनी हकीकत सामने आई कि पहले तो लक्ष्य के अनुरूप पूरे गड्ढे ही नही खोदे गए और जो गड्ढे थे जिसमे हजारों की संख्या में गड्डो में बृक्षारोपण भी नही किया गया इस मामले में वीडियो देखने के बाद  डीएफओ ने जांच के आदेश भी वन रेंजर लल्लू सिंह को दिए । सूत्रों की माने तो रेंजर जो जांच के बजाए वहाँ मजदूरों को ले जाकर गड्डो को सही व उनमें पानी लगाने व नए पेड़ लगाने की व्यवस्था में लगे हुए है। खबर तो यहाँ तक है कि कन्नौज से दो ट्रैक्टरों से नई पौध खाली पड़े गड्डो में लगाने की तैयारी में लगा है घोटाले बाजो का गैंग ।

 इतना ही नही वन ब्लॉक में प्राइवेट दो दो ट्यूबबेल चलबा कर वहाँ सिचाई का कार्य वन रेंजर की देख रेख में कराया जा रहा है। आनन फानन में कार्यो को कराया जा रहा है जिससे घोटाले की आंच को दबाया जा सके ।

 अब मजेदार बात यह है कि देखना होगा जो डीएफओ नए चार्ज की बात करते है वह कितनी जल्दी जांच पूरी करा कर इसमें शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही करते है। य उन्हें वरदान देते हुए महज चेतावनी देकर उन्हें अभयदान दे देते है।

 लेकिन वन रेंजर लल्लू सिंह के चलते तो हो गई जांच जो अधिकारी खुद मौके पर जाकर कार्यो की जांच के बजाए उसे दुरुस्त करा रहा हो वो जांच में क्या करेगा। कार्यो को दुरुस्त कराने के सम्बंध में डीएफओ को भी जानकारी दी जा चुकी है। अब देखना होगा डीएफओ क्या कार्यवाही कर पाते है य भ्रष्टाचारियों के आगे नतमस्तक होते है । फिलहाल कुछ भी हो कही न कही वन दरोगा व वन रक्षक  ने अपनी रसूख की दम पर इस बड़े कारनामे को अंजाम दिया वो वास्तब में मास्टरमाइंड ही कर सकता है । 

 जब जांच अधिकारी वन रेंजर से इस बारे में जानकारी चाही गई कि जांच के बजाए वहाँ कार्य को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा तो उन्होंने फोन काट दिया । फ़िलहाल जांच के नाम पर रेंजर खानापूर्ति करने पर लगे हुए है। अब देखना होगा कि डीएफओ मामले को कितना गम्भीरता से लेंगे य वो भी उसी भीड़ में शामिल होंगे ।

वही डीएफओ हेंमत सेठ का कहना है कि अगर जांच में लीपापोती जरा भी की गई तो जांच अधिकारी के खिलाफ भी कार्यवाही होगी, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच अधिकारी से मंगलवार तक जांच रिपोर्ट मांगी गई है उसके बाद वह खुद मौके पर जाएंगे और जो होगा वह कार्यवाही से बचेगा नही ।