महंगाई के मोर्चे पर राहत! अरहर और चना दाल की कीमतें गिरी

नयी दिल्ली : त्योहारों से पहले मंहगाई के मोर्चे पर राहत भरी खबर आई है। अरहर और चना दाल की कीमत में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले एक महीने में अरहर और चना दाल की कीमत में करीब 4 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह सरकार की तरफ से लिए गए एक्शन का नतीजा है। सरकार ने अफ्रीका से अरहर दाल और कनाडा से मसूर के बढ़ते आयात और स्टॉक लिमिट पर सख्त कार्रवाई की है। 

चने की तेज बिक्री के साथ ऊंची कीमतों के बीच उपभोक्ता मांग में कमी आने से भी दाल की कीमतों में नरमी आई है। व्यापार निकाय भारतीय दलहन और अनाज संघ एक रिपोर्ट में कहा है कि दाल की थोक कीमत में केंद्र सरकार द्वारा व्यापारियों और प्रोसेसरों पर लगाई गई स्टॉक सीमा के चलते दालों के तेवर में कमी देखने को मिली है। एक खबर के मुताबिक, चना दाल, जो फिलहाल बाजार में उपलब्ध सबसे सस्ती दाल है, कि कीमत एक महीने में 4 प्रतिशत घटी है।

 चना दाल की कीमतों में और गिरावट की उम्मीद है क्योंकि सरकारी एजेंसी राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) इसे कम दरों पर बेच रही है। इसी तरह, बढ़ते आयात और कम मांग के चलते मसूर की कीमत में 2ः से ज्यादा की नरमी देखने को मिली है।आईपीजीए के अनुसार, अभी बाजार में सबसे महंगी दाल अरहर है, जिसके भाव में एक महीने के दौरान 4 फीसदी की कमी आई है। इसके भाव में गिरावट का मुख्य कारण ट्रेडर्स और प्रोसेसर्स के लिए भंडारण की अधिकतम सीमा तय किया जाना है। 

अरहर दाल के भाव में अभी नरमी बनी रहने की गुंजाइश है। अफ्रीका से अरहर दाल की आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद है, जबकि मांग को लेकर नरमी जारी रहने के अनुमान हैं। उद्योग के अधिकारियों का मानना है कि त्योहारी मांग में किसी भी उछाल से दालों की कीमतों में कुछ बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

 सब्जियों में, टमाटर, जिनकी कीमतें जुलाई में खुदरा बाजार में 150 रुपए प्रति किलोग्राम को पार कर गई थीं, अब 10-20 रुपए प्रति किलोग्राम पर बिक रही हैं। थोक बाजारों में टमाटर एक महीने से अधिक समय से 3-6 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा है और आने वाले 2-3 हफ्तों में यह ट्रेंड जारी रहने की संभावना है।