तय है तरीका

हमारा लक्ष्य सिर्फ जीतना नहीं,

हम वैधानिक जीत चाहते हैं,

अच्छों के साथ अच्छे और

बुरों के साथ बुरे ढंग से निबाहतें है,

हम ऐसे ही हैं,

हमारा हर स्टेप है तय,

मुकाबले के वक्त

आप जाति के नाम से जीतना चाहते हैं

और हम देश के नाम से,

फिर कोई आये सामने

वो गए काम से,

जीतना आपके लिए खेल हो सकता है,

पर हमारे लिए जीवन मरण का प्रश्न,

जीत से पहले हराम है जश्न,

हमारी जिंदगी से हट जाये कुछ बंदिशें

तब मजबूरी बनना खूंखार,

हम बिसर जाते हैं मुनाफा और ब्यापार,

हमारा वजूद देश से है,

और आपका वेश परिवेश से है,

मेरे हारने के बाद आप और आपका लॉबी,

लिए चेहरा गुलाबी,

आपके जीत पर खुल जाता है

पुरस्कारों का पिटारा और

होती है नोटों की बारिश,

हमारी जीत पर ताकते रहते हैं

बिना किये कोई गुजारिश,

हम जो हैं वो हैं,

जियो और जीने दो हमारा तरीका है तय,

आप अपना ही देखो साहब।

राजेन्द्र लाहिरी पामगढ़ छग