कैकेई की जिद पर श्रीराम गए वन, दृश्य देख छलकी आंखें

आजमगढ़। श्रीरामलीला समिति पुरानी कोतवाली की रामलीला में कलाकारों ने कैकेयी कोप, राम वनवास और राम-केवट संवाद का मंचन किया। राम के वन गमन के दौरान सभी आंखे छलक गई। रामलीला मंचन के क्रम में विवाह के बाद श्रीराम अयोध्या से वापस आते हैं। राजा दशरथ, राम के राजतिलक के लिए गुरु वशिष्ठ से सलाह लेते है। श्रीराम के राजतिलक की तैयारी शुरू हो जाती है। तभी मंथरा रानी कैकेयी के पास पहुंचती हैं। मंथरा के बहकावे में आकर कैकेयी राजा दशरथ से श्रीराम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को राजगद्दी का वरदान मांगती है।

 कैकेयी को राजा दशरथ द्वारा दिए गए वचन को पूरा करने के लिए श्रीराम, लक्ष्मण और सीता जी वनवास चले जाते हैं। इसके बाद राम केवट संवाद में श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता नदी के किनारे पहुंचते हैं। जहां श्रीराम केवट से नदी पार कराने को कहते हैं। इस केवट कहते हैं कि हे प्रभु पहले में आपके पांव को धोकर तभी नदी पार कराऊंगा। इसके बाद केवट श्रीराम के पैर धोकर उन्हें लक्ष्मण और सीता जी को नदी पार कराते हैं। इसके पूर्व श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के वनवास जाने के दौरान आरती उतारी और पूजन-अर्चन किया। इस दौरान भगवान श्रीराम के जयकारे से पंडाल गूंज उठा।