समृद्ध धरती।

भारत एक उन्नत संस्कार है,

यहां सांस्कृतिक आयोजनों की,

सदैव रहतीं भरमार है।

यहां पर एक नित दिन,

एक नया इतिहास रचा जाता है,

इतिहास में पहली बात,

स्नेह से अभिभूत होने की सम्भावना,

व्यक्त करता हुआ संकेत तुरंत,

सदैव लोगों को त्वरित गति से,

यहां आगे बढ़ाया जाता है।

यह उन्नत और सुसंस्कृत,

धरा की ओज निवास करतीं हैं।

खुशियां और सुकून देने वाली ताकत बनकर,

सबमें खुशियां भर्ती हुईं,

सबके हर्षित मन में,

सुकून देने वाली बात किया करतीं हैं।

यहां पर एक नया मोड़ आते रहता है,

नवीन जोश में आकर,

खुशियां और सुकून की,

बरसात कर सबमें अपनत्व और भाईचारे को,

सम्मिलित होने के लिए,

मजबूर कर दिया जाता है।

हर पल हर क्षण नया इतिहास रचा जाता है,

सांस्कृतिक विरासत को,

आगे बढ़ाने में मदद करने का,

जोश और उत्साह बखूबी,

निभाने वाले लोगों को,

सहेजती दुनिया में सबसे आगे बढ़ने में,

मददगार बन जाता है।

यहां की समृद्ध धरती पर,

सहिष्णुता और सुसंस्कृत व्यवहार में,

रहने की सीख दी जाती है।

भाईचारे को अपनाने में,

हृदय से आभार व्यक्त की जाती है।

डॉ० अशोक, पटना, बिहार।