दो टूक October 25, 2023 • कामगार पोस्ट इधर कर्ज की बाढ़ में, डूब रहा है केश। उधर राजपथ पढ़ रहा, सपनों का संदेश। महल बेजोड़ यहाँ का। धीरु भाई