विधा: गीत

अपने भक्तों की सुन पुकार ओ शेरोंवाली,

कलयुग में ले ले अवतार ओ महारानी। 

सबके दुःख,दर्द तु ही है अब हारनेवाली,

भटक रहे हैं राह तु ही है अब  दिखाने वाली।

अपने भक्तों की सुन ले पुकार ओ शेरोंवाली,

कलयुग में ले ले अवतार ओ महारानी।

तेरी कृपा से ही तो फूले ये दुनिया सारी,

सबकी करती है मन्नत तु ही है पुरी,

तु है सबके जीवन को संवारने वाली।

अपने भक्तों की सुन ले पुकार ओ शेरोंवाली,

कलयुग में ले ले अवतार ओ महारानी।

बड रहें हैं अत्याचार नारियों पर ओ भावानी,

अब नहीं रही सुरक्षित यहां कोई नारी।

तुने किया राक्षसों का विनाश ओ शेरोंवाली,

हमारी भी लाज बचाने आ जाओ ओ महारानी।

अपने भक्तों की सुन ले पुकार ओ शेरोंवाली,

कलयुग में ले ले अवतार ओ महारानी।।


स्वरचित/ अप्रकाशित

कुमारी गुड़िया गौतम (जलगांव) महाराष्ट्र