जिलाधिकारी को व्यापार मण्डल ने हिन्दी दिवस पर पुस्तक भेंट की
सहारनपुर । उ.प्र.उद्योग व्यापार मण्डल की जिला इकाई द्वारा प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाये जाने वाले हिन्दी दिवस के कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज स्थानीय रेलवे रोड पर जिला मुख्यालय कार्यालय पर प्रमुख पदाधिकारियों की बैठ को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन ने कहा कि देश की जनभाषा हिन्दी है जो देश के प्रत्येक भाग में बोली व समझी जाती है। लेकिन आज हमारे सामने चुनौती बनी है कि हिन्दी को उसके उचित एवं गौरवशाली सिंहासन पर कैसे स्थापित रखा जाये। भारत की विभिन्न भाषाओं एवं संस्कृतियों में सामंजस्य बनाये रखने में भी हिन्दी सेतु स्वरूपा है।
श्री टण्डन ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में वेशभूषा वर्ग, जाति, भाषा, संस्कृति की विविधता होते हुए भी भारत को एकजुटता को बनाये रखने में हिन्दी का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि संविधान में हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया था लेकिन उसी के साथ अंग्रेजी को भी 15 वर्ष के लिए सहायक भाषा का दर्जा दिया था।
इसी कारणवश हमारे सामने एक चुनौती बनी हुई है, हिन्दी को उसके गौरवशाली सिंहासन पर कैसे स्थापित करें, इसके लिए आवश्यक है की हिन्दी को जीवन और व्यवहार में उतारने के प्रति हम सबको पूर्णतया गंभीर होना होगा। क्योंकि हिन्दी बोलने में मीठी एवं सरल भाषा है।
श्री टण्डन ने कहा कि विश्व की दूसरी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा चीनी के बाद हिन्दी ही है। पूरे विश्व मेें 60 करोड़ से अधिक लोग हिन्दी बोलते, लिखते व पढ़ते है, और देश में 55 प्रतिशत लोग हिन्दी बोलते हैं। 85 से 90 प्रतिशत लोग हिन्दी समझते है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देते हुए कहा कि श्री मोदी जो हिन्दी को जो सम्मान देने का कार्य कर रहे हैं वह अति सराहनीय एवं अभिनदंनीय है।
उन्होंने 7 वर्ष पूर्व संयुक्त राष्ट्रसंघ में और इस माह दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में अपना भाषण हिन्दी में ही दिया और विदेशों में तथा देश में आने वाले विदेशी मेहमानों के साथ वे अक्सर हिन्दी में ही बात करते हैं। हिन्दी को यह सम्मान देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 4 अक्टूबर 1977 को संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के विदेश मंत्री के रूप में हिन्दी में भाषण दिया गया था।
श्री टण्डन ने कहा कि भाषा वैज्ञानिक मानते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में हिन्दी का विशेष सम्मान सिद्ध होगा। उन्होंने आहवान किया कि हम अपने दैनिक जीवन के व्यवहार में भी हिन्दी को अपनाये यह भी याद रखें कि यह एक गौरवशाली भाषा है और इसे गौरवशाली बनाने का आंदोलन महात्मा गांधी व स्वामी दयानंद जैसे हिन्दी भाषीयों ने शुरू किया गया। श्री टण्डन ने कहा कि उन्हें गर्व है कि 1967 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले चले हिन्दी आंदोलन में उन्होंने बडी संख्या में अपने साथियों के साथ गिरफ्तारी दी थी और तीन दिन तक सहारनपुर जेल में भी रहे।
जिला महामंत्री रमेश अरोड़ा व मुख्य संरक्षक मेजर एस.के.सूरी ने कहा कि भारत एक भूभाषीय राष्ट्र है, जहां डेढ़ दर्जन भाषाएं प्रचलित हैं, किन्तु देश के सम्पूर्ण जनमानस को राष्ट्रीय दृष्टि से जागृत करने में हिन्दी भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका विशेष उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि हिन्दी सिनेमा में भी हिन्दी के प्रचार तथा प्रसार गीतों व संगीत के माध्यम से हिन्दी को लोकप्रिय बनाने में वर्षों से लोकप्रिय स्थान दिया है।
उन्होंने कहा कि हिन्दी को विश्वस्तर पर आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भी भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। पूरे विश्व की सभी भाषाओं में हिन्दी साहित्य अपना विशेष स्थान रखता है और विश्व में हिन्दी का समाज समृद्ध हो रहा है लोग विदेश में हिन्दी में बात करना पसन्द करने लगे हैं। हिंदी को लेकर पहले जो डर बना रहता था वह खत्म हो गया है।
इसके पश्चात व्यापार मण्डल द्वारा स्थानीय कलेक्ट्रेट सभागार में चल रही बैठक में पहुंचकर जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन व संयोजक कर्नल संजय मिडढा द्वारा जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र को जनपदवासियों की ओर से हिन्दी दिवस के उपलक्ष में श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रचित मेरी इक्यावन कविताएं पुस्तक भेंट की गयी। जिलाधिकारी जो कि स्वयं भी एक लेखक है द्वारा व्यापार मण्डल व सभी जनपदवासियों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी गयी।
इस अवसर पर प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी सहित जनपद के विभिन्न स्कूल, कालेजों के प्रबन्धक शिक्षक गण भी मौजूद रहे। बैठक में व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन, जिला महामंत्री रमेश अरोड़ा, जिला कोषाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, जिला संयोजक कर्नल संजय मिडढा, मेजर एस.के.सूरी, मुरली खन्ना, संजीव सचदेवा, प्रवीन चांदना, अभिषेक भाटिया, भोपाल सिंह सैनी, अशोक मलिक आदि व्यापारी प्रतिनिधि शामिल रहे।