आईडब्लयूएफ अध्यक्ष ने कहा, जलवायु वित्तपोषण में भारत निभा रहा अहम भूमिका, अब ग्लोबल नॉर्थ समझे अपनी जिम्मेदारी

जिनेवा : इंडिया वाटर फाउंडेशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने कहा कि जलवायु वित्तपोषण में भारत अहम भूमिका निभा रहा है और ग्लोबल नॉर्थ को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। अरविंद कुमार ने ऐतिहासिक प्रदूषक के रूप में वैश्विक उत्तर की जिम्मेदारी पर प्रकाश डालते हुए जोर देकर कहा कि भारत ने जलवायु वित्तपोषण और उत्सर्जन मानदंडों को सीमित करने में निवेश किया है और अब अब ऐतिहासिक प्रदूषक ग्लोबल नॉर्थ को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। 

कुमार ने सोमवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 54वें सत्र के दौरान अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था पर अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ (आईई) के साथ एक इंटरैक्टिव संवाद में ये टिप्पणी की। अरविंद कुमार ने हाल के वैश्विक विकासों के प्रकाश डालते हुए कहा कि वैश्विक दक्षिण को कोविड महामारी, ट्रिपल ग्रहीय संकट, बढ़ते कर्ज और खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा की चुनौतियों ने प्रभावित किया है और इंडिया वॉटर फाउंडेशन (आईडब्लयूएफ) ने वैश्विक आवाज को बढ़ाने में देश की भूमिका को रेखांकित किया। कुमार ने कहा कि भारत ने वसुधैव कटुंबकम (दुनिया एक परिवार है) की भावना में वैक्सीन सहायता के साथ ग्लोबल साउथ में अन्य देशों का समर्थन किया है। 

इससे पहले, गुरुवार को इंडिया वॉटर फाउंडेशन ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 54वें सत्र में स्वच्छता और पानी के अधिकार के क्षेत्र में देश की सराहनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वच्छ भारत की भी सराहना की, जिसमें लगभग 600 मिलियन भारतीयों के व्यवहार में बदलाव लाते हुए 105 मिलियन शौचालय बनाए गए। 

उन्होंने बताया कि भारत का जल जीवन मिशन वर्ष 2024 तक सुरक्षित और किफायती पेयजल के साथ-साथ देश के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच बनाएगा। स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद से, ग्रामीण भारत में 62 प्रतिशत घरों में नल का पानी कनेक्शन है और 40 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया है।