नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) 2000 के नोटों को वापस करने की 30 सितंबर की डेडलाइन यानी समय सीमा को अक्टूबर के आखिरी तक बढ़ा सकता है। इस बात की जानकारी आरबीआई के एक सीनियर ऑफिशियल ने मनी-कंट्रोल को दी। सीनियर ऑफिशियल ने कहा कि आरबीआई 2,000 के नोटों को जमा करने और बदलने की तारीख कम से कम एक महीने के लिए बढ़ाई जा सकती है। क्योंकि, इसमें नॉन-रेजिडेंट इंडियंस के साथ-साथ विदेशों में रहने वाले अन्य लोगों को भी ध्यान में रखना होगा।
2,000 के नोट लौटाने के लिए अब सिर्फ 1 दिन बचा है। तीन दिन पहले आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भी 7ः यानी 25 हजार करोड़ रुपए मूल्य के नोट बैंकों में वापस नहीं लौटे हैं। आरबीआई ने इसी साल 19 मई को सर्कुलर जारी कर इन नोटों को 30 सितंबर तक बैंकों में जमा करने या बदलने के लिए कहा था। आरबीआई ने 2000 के नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा है, लेकिन यह भी कहा है कि यह इसके बाद भी लीगल रहेगा।
ऐसा सिर्फ लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए है, ताकि वे यह नोट बैंकों को वापस करें। अब तक 93ः यानी 3,056 अरब रुपए के नोट बैंकों में लौट आए हैं। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, बैंक में नोट बदलने के लिए किसी तरह के कोई डॉक्यूमेंट नहीं देने होंगे। एक बार में 20,000 की सीमा तक 2000 के नोट बदलवा यानी दूसरे डिनॉमिनेशन में एक्सचेंज करवा सकते हैं। वहीं अगर आपका अकाउंट है तो आप कितने भी 2000 के नोट अकाउंट में जमा कर सकते हैं।
लेन-देन के लिए 2000 के नोटों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं और उन्हें पेमेंट के रूप में रिसीव भी कर सकते हैं। हालांकि, आरबीआई ने 30 सितंबर 2023 तक या उससे पहले इन बैंक नोटों को जमा करने या बदलने की सलाह दी है। इस डेडलाइन को अब अक्टूबर के आखिरी तक बढ़ाया जा सकता है। 2 हजार का नोट नवंबर 2016 में मार्केट में आया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे। इसकी जगह नए पैटर्न में 500 का नया नोट और 2000 का नोट जारी किया गया था। आरबीआई साल 2018-19 से 2000 के नोटों की छपाई बंद कर चुका है। वहीं 2021-22 में 38 करोड़ 2000 के नोट नष्ट किए जा चुके हैं।