नयी दिल्ली : पार्टिसिपेटरी नोट (पी-नोट) के जरिए भारतीय पूंजी बाजार में निवेश जुलाई के अंत में बढ़कर छह साल के उच्चतम स्तर 1.23 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया। वृहत आर्थिक मोर्चे पर स्थिरता के कारण यह लगातार पांचवीं मासिक वृद्धि है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि यह राशि दिसंबर 2017 के बाद सबसे अधिक है।
उस समय यह आंकड़ा 1.25 लाख करोड़ रुपए था। ताजा आंकड़ों में भारतीय इक्विटी, ऋण और मिश्रित प्रतिभूतियों में पी-नोट निवेश शामिल है। पी-नोट पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) उन विदेशी निवेशकों को जारी करते हैं, जो खुद को सीधे पंजीकृत किए बिना भारतीय शेयर बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें एक कठिन प्रक्रिया से गुजरना होता है।
सेबी के आंकड़ों के अनुसार भारतीय बाजारों में इक्विटी, ऋण और मिश्रित प्रतिभूतियों में पी-नोट निवेश का मूल्य जुलाई के अंत में 1,22,805 करोड़ रुपए था, जबकि एक महीने पहले यह आंकड़ा 1,13,291 करोड़ रुपए था। इसके माध्यम से निवेश मई के अंत में 1,04,585 करोड़ रुपए, अप्रैल के अंत में 95,911 करोड़ रुपए, मार्च के अंत में 88,600 करोड़ रुपए, फरवरी के अंत में 88,398 करोड़ रुपए और जनवरी के अंत में 91,469 करोड़ रुपए था। जुलाई अंत में यह आंकड़ा 1.22 लाख करोड़ रुपए था।