आओ सखी झूला झूले
जी भर कर हम जी ले
प्यारे प्यारे सावन के गीत गाए
मस्ती में हम भी झूमें
आओ सखी झूला झूले
भीगी भीगी बारिश की बूंदे
मन को बड़ा हर्षाती बूंदे
कोयल की कू कू सुनकर
गीत सुहाने गाये ये मन
आओ सखी झूला झूले
पक्षी भी सब कलरव करते
सावन के मौसम का लुत्फ उठाएं
कल कलकर बहती नदिया
हरियाली चारों ओर लाए
आओ सखी झूला झूले
धरती भी दुल्हन सी सजती
फूल फूल पर तितली मंडराती
आओ सखी तुम भी सज लो
साजन का नाम दिल पर लिख लो
आओ सखी झूला झूले
सावन की रुत आई मस्तानी
मेरा मन भी पपीहा सा बोले
सखियों संग मस्ती में डोले
अंबर तक पींग बढाये
आओ सखी झूला झूले
नीतू रवि गर्ग
चरथावल मुजफ्फरनगर उत्तरप्रदेश