सदाचारी बनें

एक जाति मानव जाति

फिर भी धर्म के नाम पर 

इंसान लडाई करता है

ईश्वर की आराधना एक है 

जिस तरह मानव शरीर में

अलग-अलग अंग हैं 

इसी तरह धार्मिक स्थलों में

पूजा के महत्व होते है 

मानव का मस्तिष्क गर्भ ग्रह  

ह्रदय में ईश्वर वास करते हैं। 

धर्म वह ज्ञानपुंज है जो  

बाह्य कर्म रूप के साथ 

क्रियात्मक पहलुओं को 

अनुग्रहित कर सदाचरण 

सिखाने वाला होता है 

सबका मालिक एक ईश्वर

सर्वशक्तिमान संप्रभुता रख

अच्छे आचरण की शिक्षा से

जागृति अभियान चला

शांति का संदेश देता है।

दुराचारियों के शब्दकोश में

नैतिकता, चरित्र नहीं होता  

अंदर से अस्थिर, अशांत

राग द्वेष फैलाने वाले 

बाहरी तौर पर उद्दंड,

अफवाहें, अशांति फैलाते 

यहीं स्वर्ग नरक निहित है 

परलोक जाने की बजाय 

मानवता का पाठ सीख 

अच्छे सदाचारी बनें।

डॉ. मनीष दवे, महालक्ष्मी नगर, इंदौर