नरेंद्र मोदी का देशवासियों को संदेश

15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश के प्रति देशवासियों को हमेशा जिज्ञासा रहती है। पूरा देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री किस मौके पर क्या बोलेंगे। कौन सी नई योजनाओं का ऐलान करेंगे और देश के विकास को लेकर उनका विजन क्या है। क्योंकि अमृतकाल का कालखंड एक विशाल विराट इतिहास को समेटे हुए है। भारत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अतीत वाला राष्ट्र है।

 इसलिए स्वतंत्रता दिवस इस बात का विश्लेषण करने वाला दिवस भी है कि हम कहां से कहां तक पहुंच गए। अंतरिक्ष हो या समंदर, धरती हो या आकाश आज हर जगह भारत की मौजूदगी है। भारत ने जितनी प्रगति की है उसे देखकर हर देशवासी को भारतीय होने का गर्व हो रहा है। इसी बात का एहसास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देशवासियों को कराया। 

प्रधानमंत्री ने न केवल अपने शासनकाल की उपलब्धियों को गिनाया बल्कि उन्होंने अगले पांच वर्ष के लिए भी देश की प्रगति का खाका खींच दिया। उन्होंने अगले आम चुनावों के लिए देशवासियों से आशीर्वाद तो मांगा ही साथ ही यह आत्मविश्वास भी व्यक्त किया कि  देशवासी उन्हें ही अगले वर्ष लालकिले की प्राचीर से सम्बोधन का अवसर देंगे और जिन परियोजनाओं का शिलान्यास उन्होंने किया है उनके उद्घाटन का सामर्थ्य भी प्रदान करें। उन्होंने 10 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को दसवें नम्बर से पांचवें नम्बर तक लाने को उपलब्धि बताते हुए अगले पांच वर्ष में देश को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का भरोसा भी दिया। 

विपक्ष आलोचना के लिए स्वतंत्र है और वह प्रधानमंत्री के भाषण को चुनावी भाषण करार दे सकता है। लेकिन इस  अवसर पर महत्वपूर्ण यह है कि देशवासियों का भरोसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कायम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में बहुत सारे मुद्दों को स्पर्श किया है। उन्होंने बहनों और भाइयों तथा मित्रों की जगह देशवासियों को परिवारजन कहकर सम्बोधित किया और 90 मिनट के भाषण में उन्होंने 26 बार परिवारजन शब्द का इस्तेमाल किया।

 सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह में नई संसद बनाने वाले श्रमिक, नर्सों, देशभर के कई क्षेत्रों के कामगार और सीमांत क्षेत्रों के वाइब्रैंट गांव के सरपंचों को आमंत्रित किया गया। मैं इसे श्रम की प्रतिष्ठा और श्रम की पहचान मानता हूं। प्रधानमंत्री ने श्रमिक वर्ग को इस बात का अहसास कराया है कि भारत के मजबूत लोकतंत्र और प्रगति में उनका योगदान भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि अन्य लोगों का। 

समारोह में उपस्थित श्रमिकों, नर्सों, मजदूरों और सरपंचों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि उन्हें इस समारोह में आमंत्रित किया जाएगा। मोदी की सरकार श्रमिकों को सम्मान देने और उनकी प्रतिष्ठा को गरिमामय बनाने के प्रयास पहले भी करती रही है। देश की उन प्रतिभाओं को जिन्हें देश नहीं जानता था को पद्म सम्मान देकर ऐसा ही बेहतरीन प्रयास किया गया था। 

देशवासियों ने देखा कि एक महिला ने नंगे पांव आकर पद्म सम्मान ग्रहण किया था। यह उन प्रतिभाओं का सम्मान है जो कभी समाचारपत्रों की सुर्खियां नहीं बने, लेकिन समाज में उनका योगदान लोकप्रिय हस्तियों से कम नहीं है। प्रधानमंत्री ने कामगारों के लिए चाहे वह बाल काटने वाले हों या कपड़ों की धुलाई करने वाले या फिर अन्य छोटे-मोटे धंधे करने वाले केघ् लिए 15 हजार करोड़ की विश्वकर्मा योजना शुुरू करने की घोषणा की है। 

ऐसे वर्गों के लिए ऐसी योजना विश्वकर्मा जयंती पर शुरू होगी। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को तीन गारंटी दी हैं। पहला आने वाले पांच वर्षों में देश की तीसरी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनना, शहरों में किराये के मकानों में रहने वालों को बैंक लोन में रियायत देना और तीसरा देशभर में दस हजार से बढ़ाकर 25 हजार जन औषधि केन्द्र खोलना शामिल है। प्रधानमंत्री ने देश में आतंकवादी वारदातें कम होने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, सरकार के ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करने का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च किया है और 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है।

 उन्होंने देशवासियों को इस बात का अहसास कराया कि जब देश आर्थिक रूप से मजबूत होता है तो तिजोरी ही नहीं भरती बल्कि देश का सामर्थ्य भी बढ़ता है। उन्होंने देशवासियों से परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के खिलाफ लड़ने का आह्वान भी किया। मणिपुर हिंसा पर उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर मणिपुर समस्ययों के समाधान के लिए काम कर रही है और शांति से ही समस्याओं का समाधान निकलेगा। आज हर भारतवासी को इस बात पर फख्र हो रहा है कि आज उनका देश चांद के बहुत करीब पहुंच गया है। 

भारत आज लड़ाकू विमानों के इंजन से लेकर सैमी कंडक्टर चिप्स का निर्माण में भी आगे बढ़ रहा है। आज हम विमान, मिसाइल, ड्रोन, हैलीकाप्टर और कई अन्य हथियारों का उत्पादन भी कर रहे हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि तमाम चुनौतियों को झेलने के बावजूद 140 करोड़ की आबादी वाले विशाल और विविध देश भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से दौड़ रही है। यह भारतीयों के पुरुषार्थ का ही परिणाम है कि भारत कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर है। भारतीयों का भरोसा प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार पर कायम है।