यह एक हकीकत है,
इसके पीछे छिपे हुए बड़े गहरे राज हैं,
कुछ वक्त से पहले ही,
दिखलाने लगता है,
एक क्रंदन सी आवाज है,
खुशियां और सुकून बहुत अल्प आयु की,
साजबाज है,
हमें सम्हलकर रहने की जरूरत है,
यह रस्म अदायगी नहीं स्थायी आगाज़ है,
तकलीफें कम हो,
यह कोशिश होनी चाहिए,
घबराकर नहीं डरना और भागना चाहिए,
मुश्किल वक्त में,
दोस्तों और रिश्तेदारों को पहचानने का,
सबक मिलता है,
आगे बढ़ने की,
एक पारदर्शी तरीके से रूबरू होने का,
एक खूबसूरत मौका मिलता है,
हमें अपने अतीत को याद करते हुए,
आगे बढ़ने में विश्वास करने की,
लगातार कोशिश करते रहना चाहिए।
वर्तमान में हालात देखकर,
आगे बढ़ने में लगे हुए रहने की,
कसरत करनी चाहिए।
डॉ० अशोक,पटना, बिहार।