ओ भारत के कर्णधारों ! सत्य व प्रेम अपना लो
देश का मान बढ़ाकर अपना भविष्य संवार लो
सदभाव से ही सफलता है इसका पाठ पढ़ लो
देशभक्ति के भाव से अपना हिंदुस्तान गढ़ लो।
आतंक के काले बादल भी छट जाएंगे एक दिन
निडर होकर मुकाबले का जोशो जुनून थाम लो
दंगे-फसाद, मार-काट, सब बेफिजूल हो जाएंगे
तुम भाईचारा बनाकर मोम जैसा दिल बना लो।
राष्ट्रप्रेम से बड़ा धर्म नहीं नफरत दिलों से मिटा लो
आजादी से बड़ी सच्चाई नहीं, सबक याद कर लो
अत्याचारियों के जुल्मों सितम भी नहीं हो पाएंगे
ह्रदय में भारत माता की उज्जवल छवि बसा लो।
डॉ. मनीष दवे, महालक्ष्मी नगर, इंदौर