Birth Anniversary: यशपाल शर्मा ने पहली बार तब ध्यान आकर्षित किया जब उन्होंने 1972 में पंजाब स्कूल की तरफ से 260 रन बनाए

नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज यशपाल शर्मा को हर वो इंसान जानता है, जो क्रिकेट का प्रेमी है। यशपाल शर्मा वही बल्लेबाज थे जिन्होंने 1983 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की जमकर कुटाई की थी। अकेले ही कैरेबियाई तेज गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी थी और भारत को विश्व कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बता दें कि यशपाल शर्मा का जन्म आज ही के दिन 11 अगस्त 1954 में पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था। यशपाल शर्मा ने पहली बार तब ध्यान आकर्षित किया जब उन्होंने 1972 में जम्मू और कश्मीर के स्कूल के खिलाफ पंजाब स्कूल की तरफ से 260 रन बनाए। दो के भीतर वह राज्य टीम का हिस्स बन गए। इसके बाद दिलीप ट्रॉफी में साउथ जोन के लिए खेला।

उन्होंने 13 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान दौरे के दौरान अपना वनडे डेब्यू किया। वह 1979 में विश्व कप खेलने वाली टीम का हिस्सा बनकर इंग्लैंड गए। हालांकि, वहां, एक भी मैच नहीं खेलने को मिला। दूसरी बार 1983 में उन्हें एक फिर विश्व कप में मौका मिला। 1983 वर्ल्ड कप के चौथे मैच में उनकी पारी ने क्रिकेट इतिहास में नया अध्याय लिखे जाने की शुरुआत कर दी।

चौथे मैच में भारत का मुकाबला वर्ल्ड चैंपियन वेस्टइंडीज से हुआ। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 76 रन पर अपने तीन महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद यशपाल शर्मा ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की कुटाई करनी शुरू की। यशपाल ने 120 गेंद में 9 चौकों की मदद से 89 रन की धाकड़ पारी खेली। संदीप पाटिल ने 36 रन बनाकर इनका साथ दिया था।

भारत ने 60 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 260 रन बनाए। विवियड रिचर्ड जैसे स्टार खिलाड़ियों से सजी वेस्टइंडीज की टीम 34 रन से यह मुकाबला हार गई थी। यशपाल शर्मा को उनकी शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया था। यशपाल शर्मा ने भारत के लिए 37 टेस्ट मैच खेले और कुल 1606 रन बनाए। उनका सर्वोच्च स्कोर 140 का रहा। उन्होंने टेस्ट करियर में कुल 2 शतक और 9 अर्धशतक भी ठोके। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 42 मैचों में 28.48 के औसत से 883 रन बनाए, इसमें 4 अर्धशतक शामिल हैं। 13 जुलाई 2021 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।