सेफ सिटी प्रोजेक्ट 450 लोकेशन पर 1600 कैमरे, फेस डिडक्शन कैमरे से होगी बदमाशों की पहचान, एक सप्ताह में शुरू हो सकता है काम

नोएडा। बेंगलुरु की तर्ज पर नोएडा ने सेफ सिटी पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत 450 स्थानों का सर्वे प्राधिकरण की टेक्निकल टीम की ओर किया गया। इन स्थानों पर 1600 कैमरे लगाए जाएंगे। जिसके लिए कंपनी का चयन एक सप्ताह में कर लिया जाएगा। ये कंपनी पोल ओर उस पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम करेगी। इस योजना पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नोएडा में आईएसटीएमएस भी है। यहां ये नोएडा में लगे 1046 कैमरे से निगरानी की जा रही है।

 ये कैमरे चालान और ट्रैफिक विभाग की देखरेख में है। इस पर 24 घंटे की निगरानी ट्रैफिक पुलिस करती है। जबकि सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए जाने वाले कैमरे पूरी तरह से पुलिस के कमांड में रहेंगे। इसके लिए अलग से कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जहां से इन कैमरों से निगरानी की जाएगी। जिन स्थानों की सूची पुलिस विभाग की ओर से दी गई है उसमे बाजार, सरकारी व निजी स्कूलों व ब्लैक स्पाट और भीड़ भाड़ वाले इलाके मेट्रो स्टेशन , बस स्टैंड , मॉल्स के बाहर स्थान शामिल है। 

सेफ सिटी परियोजना के तहत गौतमबुद्ध नगर को जो हिस्सों में बांटा गया है। पहला नोएडा और दूसरा ग्रेटरनोएडा। यानी सीसीटीवी कैमरों का पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर दोनों प्राधिकरण (नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण) बनाएंगे। और इसका संचालन पुलिस विभाग की ओर से किया जाएगा। ये कैमरे आईएसटीएमएस की बजाए सेफ सिटी के तहत लगाए जाएंगे। इनका वाहनों के चालान से कोई संबंध नहीं होगा। हालांकि सुरक्षा के तहत वाहनों की नंबर प्लेट व उसमें बैठे लोग भी साफ तौर पर कैमरों में नजर आएंगे। जिन जगह कैमरे लगाए जाएंगे उनमें अधिकतर हिस्सा शहरी क्षेत्र ही है। 

योजना के तहत फेस डिडक्शन कैमरे लगाए जाएंगे। बदमाशों का डाटा पुलिस के पास पहले से रहेगा। ऐसे में कोई भी बदमाश यदि इन कैमरों की जद में आता है तो उसकी लाइव लोकेशन और पूरा डाटा कंट्रोल रूम में दिखाई देगा। जिससे उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा। कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के बाद इसकी पूरी ट्रेनिंग पुलिस को देगी। प्राधिकरण ने बताया कि एक सप्ताह में कंपनी का चयन होने के बाद इसका काम शुरू कर दिया जाएगा। सेफ सिटी के कंट्रोल रूम सीधे पुलिस मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। जिससे कोई भी जानकारी या सूचना मिलने पर तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन,चौकी और पीआरवी और डायल-112 को जानकारी दी जा सकेगी।