लखनऊ । लोकसभा 2024 चुनाव के लिए बीजेपी ने यूपी में मिशन 80 का लक्ष्य रखा है। 2014 और 2019 की तरह इस बार भी बीजेपी को उम्मीद है कि यूपी के सहारे वह दिल्ली की कुर्सी पर काबिज होगी। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी पूरी तरीके से जोर आजमाइश में जुटी हुई है। बीजेपी लगातार मिशन 80 के लिए अपने सांसदों का इंटरनल सर्वे करा रही है। इस बार बीजेपी ने लगभग 3 महीने पहले ही इंटरनेशनल शुरू करा दिए। पार्टी सूत्रों की माने तो अब तक दो इंटरनेशनल किए जा चुके हैं।
इस सर्वे की रिपोर्ट तीन बातों के आधार पर बनाई गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, उम्र के चलते कई सांसदों के टिकट इस बार करते हुए नजर आ रहे हैं। जिसमें रीता बहुगुणा, जोशी सत्यदेव पचैरी, संतोष गंगवार, हेमा मालिनी, वीके सिंह, अक्षय वर लाल गौड़, राजेंद्र अग्रवाल के नाम शामिल हैं। परफॉर्मेंस और क्षेत्र में कम लोकप्रियता के आधार पर भी कई टिकट सांसदों के करते हुए नजर आ रहे हैं। जिसमें देवेंद्र सिंह भोले, आर के पटेल, केसरी देवी पटेल विजय दुबे, उपेंद्र रावत, मुकेश राजपूत, बीपी सरोज, रमेश चंद बिंद, संगम लाल गुप्ता, वरुण गांधी, बृजभूषण शरण सिंह, मेनका गांधी, जय प्रकाश रावत के नाम शामिल हैं।
चुनाव में टिकट बदलने की बीजेपी में पुरानी परंपरा रही है। साल 2019 में जब लोकसभा के चुनाव यूपी में हुए तो लगभग एक दर्जन सांसदों के टिकट बीजेपी ने काट दिए. वहीं अगर 2022 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो उस वक्त बीजेपी ने लगभग 80 से ज्यादा विधायकों के टिकट काट दिए थे, और कुछ टिकट बदल दिए थे। बीजेपी के लिए कहां जाता है कि चुनाव कोई भी हो उसका केवल एक ही फार्मूला रहता है वह फार्मूला है जीत का इसके लिए भाजपा अपने वर्तमान जनप्रतिनिधियों के टिकट काटने में कोई बुरेज नहीं करती दूसरे दलों से आए लोगों को टिकट देने में भी देरी नहीं करती।