हरियाली तीज

शुक्ल पक्ष का भादो तृतीया

है आया तीज का त्यौहार 

आओ से भोले शिव शंकर 

है तेरी महिमा अपरंपार।


जटा में गंगा की है धार

भस्म का करते आप श्रृंगार

कंठ हलाहल ऐसे धारा

जैसे हो अमृत की हो धार।


आओ हे शिव की अर्धांगिनी

गौरा प्यारी अपर्णा रानी

तेरी तपस्या से दुनिया हारी

हे शिव की प्यारी कौमारी।


दृढ़ निश्चय जो आपने धारी

पति के रूप में शिव को पाई

है दम पर तेरे जग की नारी

आओ है शिवशंकर की प्यारी।


आओ हे बुद्धि  के दाता

शिवपुत्र कार्तिकेय के भ्राता

हैं  लक्ष्मी ,गौरा जिनके माता

जग ये जिनसे सिद्धि पाता।


मात-पिता संग ध्यान स्वीकारो

द्वार पर मेरे आज पधारो

गुजिया,अनरसा,मोदक खाओ

हे गौरी पुत्र गणेश तुम आओ।


अर्चना भारती

पटना ( सतकपुर,सरकट्टी) बिहार