बता दें कि देश में खरीफ सीजन में चावल के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत का उपज होता है। खाद्य सचिव ने कहा है कि इस वर्ष खरीफ सीजन में चावल के उत्पादन में 10 मिलियन टन तक की कमी आ सकती है। खराब से खराब स्थिति में यह कमी 12 मिलियन टन तक हो सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह एक प्रारंभिक अनुमान है और यह रकवे में गिरावट व औसत उपज पर आधारित है।
सुधांश पांडेय ने कहा है कि जिन राज्यों में अच्छी बारिश हुई है वहां धान के उत्पादन की गिरावट में कमी दर्ज की जा सकती है। बता दें कि फसल वर्ष (Crop Year) 2021-22 (जुलाई-जून) में चावल का कुल उत्पादन 130.29 मिलियन टन हुआ था। यह पिछले पांच वर्षों के औसत उत्पादन 116.44 मिलियन टन से 13.85 मिलियन टन अधिक है। हालांकि खाद्य सचिव ने चावल उत्पादन के बारे में बोलते हुए इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि सरकार मुफ्त खाद्यान्न कार्यक्रम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार करेगी या नहीं?