नई शुरुआत

छोड़ पुरानी बातों को,

चलो आज नई शुरुआत करें।


त्याग सारे  कुंठाओं को,

हंसमुख और खुशमिजाज बने।


चुन कर पथ के कांटो को,

फूलों की बौछार करें।


भूल अपनी नादानियों को,

एक दूजे को माफ़ करें।


जीवन के इस नए सफ़र में,

एक नई एहसास भरे।


छोटी-छोटी खुशियों में,

नीत ऊर्जा का संचार करें।


भर कर एक दूजे को बाहों में,

सुबह शाम गुलज़ार करें।


भूल सारे गिले शिकवे,

एक नई शुरुआत करें।


अब कुछ तुम बदलो कुछ हम बदलें,

उल्फत की नई मिसाल रचें।।


         अर्चना भारती नागेंद्र 

  पटना (सतकपुर, सरकट्टी) बिहार