हिंदी पढ़े पढ़ाएं

राष्ट्रभाषा हिंदी अपनाओ ,

हिंदुस्तानी होने का धर्म निभाओ।

क्यों अंग्रेजी बोल के,

खुद को समझते महान?

जरा ये तो सोचो,

कितने संघर्ष कर,

वीरों ने हिंदुस्तान को

आजाद करवाया ।

क्यों बने हो अंग्रेजी के गुलाम?

अंग्रेज हिंदुस्तान छोड़ गए,

जाते जाते,अंग्रेजी का बीज,

हिंदुस्तान में बो गए।

बीज बना अब बड़ा वृक्ष,

सर चढ़ के बोले अंग्रेजी,

आज की पीढ़ी ,अंग्रेजी बोलना,

शान समझने लगी।

हिंदी से शर्माने लगे लोग,

ये देख,हिंदी का कलेजा

हो रहा छलनी,

क्यों हिंदी राष्ट्रभाषा हो कर भी,

कोने में खड़ी देख रही,

अंग्रेजी को फलते फूलते।

आओ हिन्दी अपनाएं,

हिंदी पढ़े ,पढ़ाएं,

अपने राष्ट्रभाषा का मान बढ़ाएं।

    

        ( स्वरचित)

         सविता राज

         मुजफ्फरपुर बिहार