प्रेम

प्रेम शब्द जब युवाओं के सामने आया 

बस प्रेमिका का खुमार दिल दिमाग में छाया 

पता नहीं युवाओं ने यह दिमाग में क्यों बसाया 

पता चला अब पाश्चात्य तरीका है आया 


दिल से प्रेम को भारतीयों ने ऐसे दिल में बसाया 

भाई-बहन माता-पिता पर प्रेम बरसाया 

अनाथ गरीब दिव्यांगों पर दुलार बरपाया

वो बोले हमारे लिए तो बस सेवा का दिन आया 


कुछ लोगों ने प्रेम सिर्फ़ प्रेमिका पर लुटाया

हमने दिव्यांगों को फल देकर प्यार लुटाया 

अनाथों गरीबों के साथ दिन बिताया प्रेम लुटाया

जीवन की खुशियों का असली एहसास पाया 


झूठा प्रेम पाश्चात्य सभ्यता लाया 

देशी कर्मठ सच्चे प्यार को भुलाया 

देशी संस्कृति से हमने सब कुछ पाया 

पाश्चात्य झूठे प्रेम ने उन सब को भुलाया-3


रचनाकार- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि,एडवोकेट केशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र