राष्ट्र व्यक्ति से बहुत बड़ा है

जन-जन से है राष्ट्र बना,

इसका महत्व है बहुत बड़ा।

इसका सम्मान सदा करें हम,

जुड़े साथ इसके हरदम।


तेरा मेरा फर्ज यही है,

देश हित में कुछ कर जाएं।

परमार्थ को अपनाएं हम,

सेवा भाव सदा मन लाएं।


राष्ट्रीय व्यक्ति से बहुत बड़ा है,

सबकी रक्षा सदा करता।

जातिपाति का भेद ना रखें,

सब को एक सूत्र में बांधता।


अलग-अलग है लोग यहांँ ,

अलग अलग सी है बोली।

सबको मिलता सम्मान यहांँ

गुजराती,बंगाली, मराठी।


हम सब की शक्ति है राष्ट्र,

सुंदर है सब का संसार।

तन मन से समर्पित आज,

इससे है हमारी पहचान।


सैनिक इसकी होते जान,

मां की ममता को पहचाने।

प्यार उनमें खूब भरा है,

राष्ट्र हित जवान खड़ा है।


कुर्बानी उनकी सदा सिखाती,

राष्ट्रीय व्यक्ति से बहुत बड़ा है।

तभी तो देश की खातिर,

फौजी बन सेना में डटा है।


तिरंगे को करता है नमन,

राष्ट्र हित मे देता कुर्बानी।

सब कुछ न्योछावर करता,

ऐसा है वह वीर सेनानी।


राष्ट्र व्यक्ति से बहुत बड़ा है,

सरहद पर सेनानी खड़ा है।

करता मातृभूमि की रक्षा,

अपने से पहले करें सुरक्षा।


             रचनाकार ✍️

             मधु अरोरा