राम के परिवार में बहुत समय के बाद संतान ने जन्म लिया l लड़का पैदा हुआ l अब घर वाले उसको बचा- बचा कर रखते हैं हर चीज बच्चे को लाकर देते हैं l बच्चा स्कूल से सीधा हर और अगले दिन स्कूल, यही चलता रहता है l बच्चे के सारे दोस्त सामने के पार्क में खेलने आते हैं बहुत खुश दिखते हैं, अब बच्चा ( रोहित) भी खेलना चाहता है लेकिन उसको कहा जाता है कि इन गरीब बच्चों के बीच नहीं जाना l सब झूले लाकर घर पर ही रख दिए जाते हैं l रोहित उनके साथ नहीं खेलता बस बीमार रहने लगता है l जब वो ऊपर खड़ा बच्चों को खेलते देखता है कि फटे कपड़े हैं बच्चों के, पावों में जूते नहीं हैं लेकिन फिर भी कितने खुश हैं तो रोहित अपने अमीर होने पर चिड़ता है और घर से भागकर उन खेलते बच्चों में मिल जाना चाहता है l यहाँ उसके माँ- बाप के पास पैसा या उनका अमीर होना उस बच्चे के लिए शराप बन जाता है जिसने रोहित का बचपन खा लिया l
निष्कर्ष : पैसा खुशी के आगे बहुत छोटी चीज है
करमजीत कौर, शहर - मलोट
जिला - श्री मुक्तसर साहिब, पंजाब