बता दें कि भारतीय रेलवे को हर साल दो लाख पहियों की जरूरत होती है। योजना के मुताबिक स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) इनमें से एक लाख पहिये की आपूर्ति करेगा बाकी पहियों का उत्पादन नए ‘मेक इन इंडिया’ प्लांट्स में होगा।
मीडिया से बातचीत में रेलमंत्री ने कहा है कि वैष्णव ने कहा है कि निविदा इस शर्त पर दी जाएगी कि संयंत्र पहियों का निर्यातक भी होगा और उसका निर्यात बाजार यूरोप होगा। वैष्णव ने कहा है कि निविदा की शर्तो के अनुसार संयंत्र को 18 महीने के भीतर स्थापित करना अनिवार्य होगा। बता दें कि वंदे भारत ट्रेन के पहिए युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंस गए थे और उनका उत्पादन समय से सुनिश्चित करने के लिए उन्हें वहां से एयरलिफ्ट करना पड़ा था।