//जिंदगी धूप छांव//

जिंदगी    में   कभी   खुशी  है

तो   कभी  आ  जाता  गम  है।

दोनो  आते   रहते   हैं  बराबर

न कोई ज्यादा न कोई कम  है।


जिंदगी  एक   अनंत  यात्रा  है

कभी गति तो कभी ठहराव है।

कभी देता सुख तो कभी दर्द है

जिंदगी  धूप  तो कभी छांव है।


जिंदगी   तो   एक   तलाश   है

कुछ  पाने  की  एक  प्यास  है।

कड़वी  मीठी  यह  अहसास है

कभी दूर  है  तो  कभी पास है।


जिंदगी  कभी  घना  अंधियारा

तो   कभी  रोशन  उजियारा  है।

जिंदगी  कभी  हसीन  प्यारा है

तो   कभी   गमों   का  मारा  है।


जिंदगी  कभी  बोझ  लगती  है

तो  कभी  खुशगवार  लगती है।

कभी  यह  उलझन  दे जाती है

कभी  उलझन सुलझा जाती है।


रचनाकार-

अशोक पटेल"आशु"

व्याख्याता-हिंदी

तुस्मा,शिवरीनारायण(छ ग)

9827874578