महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं एसडीएम से मिलने जा रही थी, चीनी मिल के पास पुलिस ने रोका

कोटे की दुकान को लेकर खुली बैठक में दिखा भ्रष्टाचार, समूह की महिलाएं पहुंची एसडीएम के दरबार 

महमूदाबाद , सीतापुर : जनपद सीतापुर की तहसील व विकास खंड की ग्राम पंचायत भौंरी में सरकारी सस्ते दर गल्ले की दुकान कोटेदार का चयन करने के लिए सोमवार को गांव के पंचायत भवन में खुली बैठक बुलाई गई थी। खुली बैठक में ग्राम पंचायत सचिव अनिरुद्ध वर्मा , प्रदीप चौधरी और प्रधान रमेश चंद्र मौजूद थे। इस बैठक में गांव से संचालित पांच स्वयं सहायता समूहों में से एक को कोटेदार चुना जाना था। 

 गांव के लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह , मां वैष्णो स्वयं सहायता समूह , महिला विकास स्वयं सहायता समूह , सरस्वती स्वयं सहायता समूह और नई किरण स्वयं सहायता समूह की तरफ से सस्ते दर की  दुकान कोटा के लिए खुली बैठक में आवेदन किया गया था। जिसमें चार अन्य सहायता समूहों को खारिज करके लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह को कोटे की दुकान का आवंटन  किया गया। 

जिस पर खुली बैठक में उपस्थित ग्रामीण आक्रोशित हो गये। अन्य सहायता समूह के लोगों ने प्रधान और सचिव पर मनमाने ढंग से प्रधान के रिश्तेदार के समूह को कोटे की दुकान आवंटित करने का आरोप लगया। नाराज ग्रामीणों ने सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर ट्राली से उपजिलाधिकारी से शिकायत करने के लिए तहसील मुख्यालय की तरफ जा रहे थे।  जिसकी सूचना पुलिस को मिली ।

तो मामले की गंभीरता को समझते हुए महमूदाबाद पुलिस ने कस्बे के बेहटा वार्ड स्थित पानी की टंकी के सामने उन्हें रोक लिया। और चार लोगों के प्रतिनिधमंडल को उपजिलाधिकारी से मिलने के लिए समझा बुझा कर भेजा। ग्रामीणों के प्रतिनिधमंडल ने शिकायती पत्र उपजिलाधिकारी को सौंपा और मामले से अवगत कराया। गांव के अन्य चार स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के अलावा सुनील यादव , चंद्रिका यादव , गुड्डू , पवन , रईस , आरिफ , राहुल , रमन , जितेंद्र सहित सैकड़ों ग्रामीण बेहटा वार्ड के सामने पुलिस द्वारा रोके गए। उपजिलाधिकारी से मिलने सविता देवी , सुमन देवी , राहुल यादव , जितेंद्र को प्रतिनिधमंडल में भेजा गया। मामले की गंभीरता को समझते हुए महमूदाबाद और रामपुरकला पुलिस मौके पर मौजूद रही।