रक्षाबंधन भाई-बहन का अटूट विश्वास है !

रक्षाबंधन सिर्फ धागों का त्योहार नहीं हैं यह है भाई-बहन का प्यार और अटूट विश्वास है। एकदूसरे का अनहोनी परिस्थितियों में संभालने, सहारा देने, संबल, विकट परिस्थितियों में दिलासा हैं। बेटी के लिए अपने मायके की अटूट यादें हैं, उस परिवार का अंग होने, उसमें अपनी जान बसने, सारा प्रेम उड़ेलने का मन होने का मीठा अहसास है। मेरी बहन मुझे राखी बांधेगी। 

प्यारी मखमली, रंगीन, मोतियों वाली राखी अपनी बहन, भुआजी से बंधवाऊंगा, नये कपड़े देगी। मिठाईयां खिलाऐगी। सब एक साथ पकवान खाऐंगे। मालपुऐं व खीर खाऐंगे। फिर राखी त्योहार मनाऐंगे। झूले झूलेंगे। मेला घूमेंगे। नये खिलौने लेंगे। 

इतना आनंद मनाऐंगे। दादादादी, पापामम्मी, चाचाचाची, भाई-बहनों के साथ हमारा प्यारा रक्षाबंधन का त्योहार अपनों का प्यार बड़ा ही आनंददायक व होगा यादगार सबके लिए, राखी का बंधन अनमोल हैं। रक्षाबंधन सिर्फ धागों का त्योहार नहीं हैं यह है भाई-बहन का प्यार और अटूट विश्वास है।

                - नेहा (पीहू) ठाकुर

                  इंदौर, मध्यप्रदेश

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