गिरनार भक्त मण्डल द्वारा घंटनाद व शंखनाद के ध्वनियों से हुआ मुनिसुव्रत स्वामी का पक्षाल
कुशल वाटिका में शनिवार को लगा मेला, भक्तों को साध्वीवृन्दों का सानिध्य मिला
खुशगवार मौसम में भक्तों ने स्वर्ग जैसा आनन्द
बाडमेर । स्थानीय कुशल वाटिका में विश्व का अद्वितीय राजहंस मन्दिर में शनिवार कों सैकड़ो श्रद्वालुओं ने दर्शन कर पूजा अर्चना की और मुनिसुव्रत स्वामी भगवान के जयकारों से गुंज उठा कुशल वाटिका। कुशल वाटिका ट्रस्ट के मंत्री सम्पतराज बोथरा दिल्ली व कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा ने बताया कि बाडमेर शहर के समीप कुशल वाटिका प्रांगण शनिवार को विशेष मेले का आयोजन किया गया, जिसमें बाडमेर सहित आस-पास के अन्य गावों से पधारे श्रद्वालुओं कुशल वाटिका पहुंच कर दर्शन वन्दन कर पूजा अर्चना की।
कुशल वाटिका में मुनिसुव्रत स्वामी भगवान मन्दिर, दादावाडी, नवग्रह मन्दिर, गुरू मन्दिर, देवी-देवताओ के आदि मन्दिरो के दर्शन, पूजा का आनन्द लिया। बोथरा ने बताया कि शनिवार को कुशल वाटिका में प्रातः 6 बजे से भक्तो का दर्शन व पूजा के लिए आना-जाना शुरू हो गया जो पुरे दिन मेले का माहौल बना रहा ओर गौरतलब है कि आज मौसम खुशगवार होने पर स्वर्ग जैसा आनन्द मिल रहा था, हर शनिवार को हजारो भक्त दर्शन कर खुशहाली की कामना करते है।
शनिवार को कुशल वाटिका में प्रातः 07.00 बजेे गिरनार भक्त मण्डल द्वारा घंटनाद व शंखनाद व ढोल की थाप लय व सुर के साथ भक्ति भावना के माध्यम से भगवान का पक्षाल किया गया और विधि-विधान व श्लोक के साथ केशर पूजा व भक्तिमय आरती की गई। भक्तों द्वारा केशर पूजा करने से मन को शान्ति जैसा आनन्द मिल रहा था। जहां कुशल वाटिका ट्रस्ट मण्डल की और से भाता प्रभावना दी गई। चातुर्मास के दौरान कुशल वाटिका में विराजमान कुशल वाटिका प्रेरिका डॉ. विधुतप्रभा श्रीजी म.सा. व माताजी म.सा. रत्नमाला श्रीजी व अन्य साध्वीवृंद्व के दर्शन वन्दन की सुखशाता पुछी।
बोथरा ने बताया कि कुशल वाटिका में शनिवार को मुनिसुव्रत स्वामी के पक्षाल व आरती का लाभ ढेलीदेवी रिखबदास वडेरा परिवार व केशर पूजा का लाभ कंचन मालू परिवार द्वारा लिया गया, जिनका ट्रस्ट मण्डल द्वारा अनुमोदना की गई। कुशल वाटिका शनिवार मेले में ट्रस्ट मण्डल के साथ साथ अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद, अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद, गिरनार भक्त मण्डल, कुशल वाटिका मित्र मण्डल, सहित कई भक्तगण उपस्थित थे।