चुप रहना भी

21, 22 अगस्त को आगरा में दवा व्यापारियों का राज्यस्तरीय  सम्मेलन है।

सम्मेलन के कर्ता धर्ता भाई सुधीर अग्रवाल का आदेश है कि "अच्छा हो सकता है" का लोकार्पण हम लोगों के बीच।

होगा क्या? नहीं जानता लेकिन भाई सुधीर अग्रवाल का यह प्रस्ताव अच्छा लगा। उनके प्रस्ताव के साथ ही वाराणसी सम्मेलन में उनके द्वारा दिए गए सम्मान का दृश्य ताजा हो गया। 

इस स्नेह के लिए भाई सुधीर अग्रवाल और उनके संगठन (यूपी ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट ऑर्गेनाइजेशन) को बहुत बहुत आभार। उनके इसी स्नेह को अर्पित है,

चुप रहना भी

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झुक जाना भी कई सवालों,

का पूरा उत्तर होता है।

तन जाना भी कई सवालों,

का पूरा उत्तर होता है।

किसी प्रश्न के उत्तर में कुछ,

कहना आवश्यक है लेकिन,

चुप रहना भी कई सवालों,

का पूरा उत्तर होता है।

और जगह का नहीं पता पर,

प्यार मोहब्बत की दुनियां में,

मुस्काना भी कई सवालों,

का पूरा उत्तर होता है।

किसी वजह से कहीं अचानक,

किसी सफर में चलते चलते,

रुक जाना भी कई सवालों,

का पूरा उत्तर होता है।

कभी गोद में, कभी पीठ पर,  

बच्चे को लेकर ऑंगन में,

इतराना भी कई सवालों,

का पूरा उत्तर होता है।

खुश रहना अपनी दुनियाँ में,

सिसक सिसक अपनी बेटी को,

समझाना भी कई सवालों,

का पूरा उत्तर होता है।

अरसे बाद किसी को पाकर,

गले लगाकर आँखे भरकर,

चिपकाना भी कई सवालों,

का पूरा उत्तर होता है।

हाथों में कंगन या चूड़ी,

माथे पर बिन्दी, टीका का,

ना होना भी कई सवालों,

का पूरा उत्तर होता है।

आँख खोलकर सांस रोककर,

बहुत देर तक भूल सभी कुछ,

चुप सोना भी कई सवालों,

का पूरा उत्तर होता है।

- धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव