तिरंगा

तिरंगा दिल में मुझे अपनी जॉ सा लगे 

जब ये  लहराए आँचल तो माँ सा लगे 


समाया  है इसमें  मेरा अस्तित्व सारा 

धरती मेरी और मेरा आसमाँ सा लगे 


लहर-लहर  लहराए  घर-घर  फहराए 

मुझे यह हर भारतीय की शान सा लगे 


सराबोर करे जो मन  को देशभक्ति से  

मुझे  तो ये मेरा  सारा जहाँ  सा लगे 


सत्य अहिंसा और मानवता का प्रतीक 

जन-मन-गण अधिनायक गान सा लगे 


विजय पताका है सरहद पर वीरों की 

रणभूमि में दहाड़ता सर्वशक्तिमान सा लगे 


गौरव गाथा देश की कहता जाए तिरंगा 

पावन धरती पर ऊँचा अभिमान सा लगे  


वंदना जैन 

मुंबई