आओ हम उन वीरों को याद करें

स्वतंत्रता दिवस की स्वर्णिम बेला में

आओ हम उन वीरों को याद करें।

जिनके कुर्बानी के फलस्वरूप,आज

हम दासता की बेड़ियों से मुक्त हुए।।


               भारत माता की आन-बान खातिर

               सितमगर फिरंगियों की यातनाएँ

               अरु अनगिन कष्ट जो सह गए

               आओ हम उन वीरों को याद करे।।


शीश माँ भारती का झुकने न पाए

जन्मभूमि के सम्मान में वीर,जो

शीश कटाने प्रतिपल कटिबद्ध रहे

आओ हम उन वीरों को याद करें।।


               वह वीर जो हँसते-हँसते,

               कनपटी अपने दाग गए गोली

               हँसकर फाँसी पर झूल गए

               "मेरा रंग दे बसंती "की टोली

            आओ हम उन वीरों को याद करें।।


जंगे आजादी में वे कह चले

"सरफरोशी की तमन्ना.."

ऐसे माँ भारती के वीर सपूत,

उन वीरों को हम याद करें।।


               मातृभमि की रक्षा करने,

               वीरांगना झाँसी की रानी

               पृष्ठभाग नवजात लिए,

               अंग्रेजों से लोहा लेने ठानी

             आओ हम उन वीरों को याद करें।।


जिन्होंने "जयहिन्द" का दिया नारा

अपने रक्त से सींचा सरजमीं सारा

वतन  खातिर  हो  गए वे  शहीद

आओ हम उन वीरों को याद करें।।


            अहिंसा परमोधर्मः जिसने पाठ पढ़ाया

            सत्यपथ पर चलना जिसने सिखलाया

            निःशस्त्र जिसने देश आजाद कराया

            आओ हम  उन वीरों को  याद करें।।


जिसने  अपनी  अंतिम सांस  तक

गोली से छलनी-छलनी होकर भी

भारत  माता  की जय, जय  हिन्द

जय - जय - जय  हिन्दुस्तान  कहे

आओ हम उन वीरों को याद करें।।


          महेन्द्र साहू "खलारीवाला"

            गुण्डरदेही बालोद छ ग