जहां डेढ़ सौ कछुए सरयू घाट पर और डेढ़ सौ के बच्चों को कचनापुर घाट पर सरयू नदी में छोड़ा गया। टीम ने बताया कि यह कछुए लखनऊ पुलिस द्वारा तस्करी के लिए लेकर जा रहे व्यक्ति के पास से पकड़ा गया और इस दुर्लभ व विलुप्त प्रजाति के कछुओं के बच्चे इनके लिए सरयू नदी मुफीद मानी जाती है। कछुओं को इस नदी में लाकर छोड़ने का आदेश उन्हें प्राप्त हुआ था। जिस पर वह लखनऊ से लेकर करनैलगंज सरयू नदी पहुंचे। जहां वन विभाग के दरोगा अशोक पांडेय की देखरेख में कछुओं के बच्चों को सरयू नदी में छोड़ा गया। जिस समय वन विभाग की टीम कछुओं को सरयू नदी में छोड़ रही थी उस समय पानी में पहुंचने के बाद कछुओं की तेज रफ्तार से पानी में दौड़ देखकर लोग दंग रह गए।
टीम ने बताया कि यह कछुए भारत के दो स्थानों में पर केवल पाए जाते हैं। जिसमें दो नदियां इनके लिए मुफीद हैं। जिसमें एक सरयू नदी भी है। इसलिए इन्हें यहां छोड़ा गया है। कछुओं के बच्चों को लेकर आये शौकत उल्ला खान रेंज अफसर वन विभाग सरोजनी नगर, अभिषेक सिंह डिप्टी रेंजर, राम सूचित वन रक्षक, वन दरोगा अशोक पांडेय, टीएसए संस्था के उपमन्यु चक्रवर्ती व बलराम सामिल रहे। टीएसए के उपमन्यु ने बताया कि ये कछुए बंथरा लखनऊ में पकड़े गए थे। इनकी संख्या 295 है। इसमें इंडियन आईड ट्रेटिल, इंडियन टेन ट्रेटिल, प्रौण्ड रिवर ट्रेटिल प्रजाति के कछुओं के बच्चे थे। जो दुर्लभ व विलुप्त प्रजाति के हैं। जिन्हें सरयू नदी में सुरक्षित छोड़ा गया है।